भरपूर आवक के बावजूद राजधानी रांची में आलू और लहसुन क्यों बिक रहे महंगे, जानिए.....यह है कारण
Vegetable Rate In Ranchi राजधानी रांची(Ranchi) के पंडरा(Pandra) स्थित आलू-प्याज के थोक मंडी(Potato Onion Wholesale Market) में बाहरी राज्यों से बंपर आवक होने से आलू(Potato) और लहसुन(Garlic) के दाम में 40-50 प्रतिशत की कमी आई है। स्थानीय किसान(Farmer) सही कीमत नहीं मिलने से घाटे का व्यापार करने को मजबूर है।
रांची (जासं)। Vegetable Rate In Ranchi: राजधानी रांची(Ranchi) के पंडरा(Pandra) स्थित आलू-प्याज के थोक मंडी(Potato Onion Wholesale Market) में बाहरी राज्यों से बंपर आवक होने से आलू(Potato) और लहसुन(Garlic) के दाम में 40-50 प्रतिशत की कमी आई है। इस वजह से स्थानीय किसान(Farmer) भी सही कीमत नहीं मिलने से घाटे का व्यापार करने को मजबूर है। लेकिन इसके बावजूद इसके शहर के कोकर, लालपुर, नागा बाबा खटाल सहित अधिकांश खुदरा बाजारों में सब्जी विक्रेता(Vegetable Seller) अतिरिक्त लाभ के लिए आलू और लहसुन की कीमत लाभ से कहीं अधिक बढ़ाकर बेच रहे हैं।
आम लोग जरूरत से ज्यादा मूल्य देकर आलू और लहसुन खरीदने को हैं मजबूर:
शहर के अधिकांश बाजारों में विगत 10-15 दिनों से आलू जहां 20 से 25 रुपये प्रति किलो की दर पर बिक रहे हैं, वहीं, लहसुन भी 80 से 120 रुपये में बिक रहा है। जबकि अदरख और प्याज के तेवर भी खुदरा बाजार में तेज ही चल रहे हैं। इन दिनों ग्राहकों को खुदरा बाजार से प्याज 30 से 40, जबकि अदरख 80-100 रुपये में खरीदने पड़ रहे हैं। वहीं, बात अगर इनके थोक मूल्य की करें तो, रांची के थोक बाजार में विगत 10 दिनों से आलू जहां सात से 10 रुपये प्रति किलो तो लहसुन 15 से 50, प्याज 18 से 23 व अदरख 25 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहे हैं। लेकिन जानकारी ना होने की वजह से आम लोग जरूरत से ज्यादा मूल्य देकर इन्हे खरीदने को मजबूर हैं।
प्याज के दाम बढ़ाकर एक किलो की कीमत 10 से 15 रु. तक वसूल रहे हैं। हाथ ठेलों पर सब्जियां बेचने वालों से लेकर दुकान लगाने वालों के अपने अलग रेट हैं।
आलू प्याज थोक मंडी में प्रतिदिन होती है 30 से 55 गाड़ियों की आवक:
पंडरा स्थित आलू प्याज थोक मंडी में इनकी कुल 42 दुकानें हैं। आलू प्याज के थोक विक्रेता महेश प्रसाद व रोहित कुमार ने बताया कि मंडी में आलू, प्याज, लहसुन और अदरख की आवक उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, नासिक, बंगाल, गुजरात और कर्नाटक से होती है मंडी में प्रतिदिन 30 से 55 गाड़ियों में इनकी आवक होती है। एक गाड़ी में 20 से 25 टन आलू, प्याज, अदरकख और लहसुन होते हैं । विगत 10 दिनों से मंडी में माल की आमदनी अधिक होने से इनकी कोई कमी नहीं जिससे थोक भाव में गिरावट आई है।
बाहरी राज्यों से अधिक आमदनी होने के कारण स्थानीय किसानों को नहीं मिल रही फसल की सही कीम:
वहीं, गुडु बाजपुर से पहुंचे स्थानीय किसान बजरंग महतो और रतन महतो ने कहा कि बाहरी राज्यों से अधिक आमदनी होने के कारण उन्हें अपने फसल की सही कीमत नहीं मिल रही है। इस वजह से घाटे का व्यापार करने को मजबूर है। उन्होनें बताया कि आज बाजार में स्थानीय तौर पर 1500 पैकेट आलू की आवक हुई है। लेकिन खरीदार नहीं मिलने के कारण 750 रुपये प्रति पैकेट में आलू बेचने को मजबूर है।
बताया गया कि एक पैकेट में 50 किलो आलू आता है। इधर खुदरा सब्जी विक्रेताओ कहना है कि हाल में हुई बारिश की वजह से स्थानीय स्तर पर फसलों को नुकसान होने से आलू प्याज और लहसुन की कीमत में तेजी आई है। लेकिन थोक भाव कुछ और ही कहानी बयान कर रहा है।