Jharkhand Crime: अधिग्रहित भूमि पर खेती करने से रोका तो ग्रामीणों ने कर दी सेल पदाधिकारी की पिटाई
Jharkhand Crime भवनाथपुर सेल आरएमडी द्वारा अधिग्रहित भूमि पर खेती से रोके जाने के बाद आक्रोशित सिंदुरिया गांव के विस्थापितों ने सेल अधिकारी राजीव रंजन की जमकर पिटाई कर दी। आक्रोशित सैकड़ों विस्थापित सेल के प्रशासनिक भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। घटना स्थल पर पुलिस पहुंच चुकी है।
भवनाथपुर (गढ़वा), जासं। : भवनाथपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत टाउनशीप में स्थित सेल आरएमडी द्वारा, सेल की अधिग्रहित भूमि पर खेती करने से मना करना सेल के अधिकारियों को महंगा पड़ गया। विस्थापितों ने शुक्रवार की दोपहर मोटरसाइकल से सेल से अपने आवास जा रहे बिजली विभाग के अधिकारी राजीव रंजन तथा राजेश कुमार को अपने कब्जे में लेकर जमकर पिटाई कर दी। किसी तरह उक्त दोनों अधिकारी वहां से भागकर अपनी जान बचाई। घटना की सूचना मिलने ही भवनाथपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची तथा आक्रोशित लोगों को समझाकर शांति कराया। इसके बाद पुलिस राजीव रंजन के घर पहुंचकर मामले की जानकारी ली।
इन दोनों अधिकारियों की पिटाई के पूर्व विस्थापित सेल के प्रशासनिक भवन में भी सीआइएसएफ जवानों की सुरक्षा को धत्ता बताते हुए जबरन कार्यालय में घुस गए तथा यहां जमकर हंगामा किया। इस दौरान विस्थापित पिटाई करने के लिए सेल के अधिकारी को ढ़ूंढते रहे। उक्त घटना के बाद से सेल के अधिकारियों एवं कर्मचारियों में दहशत व्याप्त है। दोनों घायलों का इलाज सेल के अस्पताल में कराया गया।
क्या है मामला: घटना के बारे में बताया जाता है कि भवनाथपुर थाना क्षेत्र के सिंदूरिया पंचायत के रेलवे साइडिंग में नंदलाल पाठक की पुस्तैनी जमीन है, जो कि सेल के अधीन है। उक्त जमीन पर नंदलाल पाठक द्वारा जोत-कोड़ किया जाता है। शुक्रवार की सुबह नंदलाल पाठक उक्त जमीन को ट्रैक्टर से जुताई करवा रहे थे। इसी बीच सेल के स्टेट सह पर्सनल अधिकारी बुलु दिगल को सूचना मिली कि सेल के जमीन में जोत कोड़ किया जा रहा है। जानकारी के बाद बुलु दिगल ने अपने कर्मचारी नंदू पांडेय तथ सीआइएसएफ के जवानों को भेजकर काम बंद करा दिया। जिसका नंदलाल पाठक ने विरोध किया।
इसके बाद सीआइएसफ के जवान उन्हें उठाकर सेल के प्रशासनिक भवन ले आए। नंद लाल पाठक को प्रशासनिक भवन ले जाने की सूचना जब विस्थापितों को मिली तो बड़ी संख्या में विस्थापित प्रशासनिक भवन के मेन गेट पर जा पहुंचे तथा नंदलाल पाठक को छोड़ने का दबाव बनाने लगे। जब सेल प्रबंधन की ओर से इनकी बातों की अनदेखी की गई तो विस्थापित उग्र होकर प्रशासनिक भवन के अंदर जाने का प्रयास करने लगे। जहां सुरक्षा में तैनात जवानों ने इनका विरोध किया। बावजूद इसके विस्थापितों ने मेन गेट पर सुरक्षा में तैनात जवानों के साथ विस्थापितों की भीड़ धक्का-मुक्की करते हुए प्रशासनिक भवन में प्रवेश कर गई।
भीड़ सीआइएसएफ के इंस्पेक्टर संदीप कुमार को खोजते हुए, नंदलाल पाठक को मुक्त कराकर बाहर आ गई। इसके बाद विस्थापित सेल अधिकारी को बिना सूचना के जोत कोड़ से रोकने के आरोप में संबंधित लोगों पर कार्रवाई तथा अधिग्रहित जमीन को मुक्त करने की मांग करने लगे। इसके बाद जब इनसे बात करने को लेकर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा तो भीड़ में शामिल महिला, पुरुष एवं बच्चे आक्रोशित होकर सेल अधिकारी को खोज कर मारने पीटने पर उतारू हो गए। ठीक उसी समय सेल के दो अधिकारी राजीव रंजन तथा राजेश कुमार एक ही बाइक पर सवार होकर अपने आवास जा रहे थे कि अचानक भीड़ ने दोनों पर हमला कर दिया। इस दौरान विस्थापित सेल के अन्य अधिकारी को भी उनके आवास में घुसकर मारने की तैयारी करने लगे। लेकिन मौके पर पुलिस के पहुंच जाने के बाद वे अपने मकसद में सफल नहीं हो सके।