Jharkhand: यह कैसा मजाक, सदर अस्पताल रांची में बिना विशेषज्ञ के ही खोल दी गई कार्डियक यूनिट

Jharkhand सदर अस्पताल में बिना किसी तैयारी के हृदय रोगियों के इलाज के लिए नए कार्डियक केयर यूनिट का उद्घाटन कर दिया गया। इस यूनिट में हृदय रोगियों के लिए कोई कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई है। यहां पर छह बेड के लिए दो वेंटिलेटर दिए गए हैं।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 02:01 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 02:01 PM (IST)
Jharkhand: यह कैसा मजाक, सदर अस्पताल रांची में बिना विशेषज्ञ के ही खोल दी गई कार्डियक यूनिट
सदर अस्पताल में बिना किसी तैयारी के नए कार्डियक केयर यूनिट का उद्घाटन कर दिया गया।

रांची {अनुज तिवारी}।  सदर अस्पताल में बिना किसी तैयारी के हृदय रोगियों के इलाज के लिए नए कार्डियक केयर यूनिट का उद्घाटन कर दिया गया। इस यूनिट में हृदय रोगियों के लिए कोई कार्डियोलॉजिस्ट की नियुक्ति नहीं की गई है। साथ ही यहां पर छह बेड के लिए दो वेंटिलेटर दिए गए हैं। लेकिन उसके लिए भी यहां कोई एक्सपर्ट नहीं है। इतना ही नहीं इस सेंटर का उद्घाटन करने के 24 घंटे के बाद भी किसी मेडिकल टीम को यहां तैनात नहीं किया गया है। यहां पर सिर्फ एक नर्सिंग स्टाफ की तैनाती है।

वह यहां उपलब्ध सामानों की देखरेख कर रही हैं। इस यूनिट में हृदय रोगियों के साथ-साथ बुजुर्गों के लिए 10 बेड का जेरियाट्रिक वार्ड भी खोला गया है। इन सभी 16 बेड पर एक मेडिसिन के डाक्टर अजय झा को रखा गया है। सिविल सर्जन डा विनोद कुमार बताते हैं कि फिलहाल व्यवस्था को अपडेट किया जा रहा है। अभी एक भी कार्डियोलॉजिस्ट यहां पर उपलब्ध नहीं हैं, दो से तीन विशेषज्ञ डाक्टरों की बहाली के लिए तैयारी की जा रही है। तब तक यहां पर मेडिसिन के डाक्टर से ही मरीजों को देखा जाएगा।

हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के लिए सदर में नहीं है व्यवस्था

सदर अस्पताल में हृदय की छोटी बीमारियों के इलाज की व्यवस्था की गई है। यहां पर बड़ी बीमारियों की पुख्ता व्यवस्था नहीं है, जिसके बाद हृदय रोग से जुड़ी बड़ी समस्या आने पर मरीज को रिम्स ही रेफर किया जाएगा। अभी तक सदर में पहले से ही हृदय की छोटी समस्याओं का इलाज होता आ रहा है, लेकिन जरूरत बड़ी समस्या को लेकर थी। जिसके लिए व्यवस्था की जा रही थी, लेकिन बिना तैयारी के चुपके से इस यूनिट का उद्घाटन करा दिया गया। इसके बाद भी यहां पर किसी की भर्ती नहीं ली जा रही है।

सिविल सर्जन खुद बताते हैं कि यहां पर हृदय की छोटी समस्याओं को लेकर इलाज होगा, जिसके लिए दो वेंटिलेटर मशीन और एक डी-फैब्युलेटर मशीन (आधुनिक तरीके से पंप करने की मशीन, जिससे पल्स रेट बढ़ सके) रखा गया है। मालूम हो कि फैब्युलेटर मशीन अभी तक फाइलों के बीच डब्बे में रखा हुआ है, जिसे इंस्टाल तक नहीं किया जा सका है। ऐसी स्थिति में भी बेहतर चिकित्सीय सुविधा देने के दावे पर सवाल उठ रहा है।

प्रबंधन का दावा, जल्द दुरुस्त होगी व्यवस्था

इस यूनिट के अंदर ही कार्डियो डायबिटीज सेंटर में आनेवाले सामान्य मरीजों में हृदय रोग के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर इलाज किया जाएगा। प्रबंधन का दावा है कि कार्डियक यूनिट में सभी तरह की टेस्टिंग की भी सुविधा होगी। इसके लिए जरूरी टेस्ट के साथ ही इमरजेंसी ड्रग के साथ ही पैरा मेडिकल स्टाफ की तैनाती भी होगी। वहीं, जेरियाट्रिक वार्ड में उच्च रक्तचाप, मधुमेह, सांस और दिल संबंधी परेशानियों को बेहतर तरीके से उपचार होगा। लेकिन सवाल यह है कि अभी तक इसकी व्यवस्था पूरी नहीं हो सकी है। स्त्री रोग विभाग में मरीजों की बढ़ती भीड़ के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है, इस व्यवस्था को सुधारने की प्राथमिकता होनी चाहिए थी।

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