डर सबको लगता है, जो डर से लड़कर आगे बढ़ते हैं उन्हें मंजिल मिलती है

नवरात्र का पर्व मातृ शक्ति के पूजन का त्योहार है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 07:32 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 07:32 AM (IST)
डर सबको लगता है, जो डर से लड़कर आगे बढ़ते हैं उन्हें मंजिल मिलती है
डर सबको लगता है, जो डर से लड़कर आगे बढ़ते हैं उन्हें मंजिल मिलती है

जागरण संवाददाता, रांची : नवरात्र का पर्व मातृ शक्ति के पूजन का त्योहार है। कोरोना महामारी ने चिकित्सकों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया। इसके बावजूद चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी अपने कर्तव्य पथ पर डटे हैं। रिम्स में सीनियर रेसिडेंट के रूप में नियुक्त महिला चिकित्सक डा. सिन्यी कुमारी खेस कोविड वार्ड में ड्यूटी दे रही हैं। अस्पताल कोरोना मरीजों से भरे हुए हैं। इस चुनौतीपूर्ण हालात में डा. सिन्यी अपने दायित्वों का निर्वहन कर रही हैं। महामारी को लेकर मन मस्तिष्क में पैदा होने वाले सवालों के बारे में पूछे जाने पर डा. सिन्यी ने कहा कि डर सबको लगता है। जो डर से लड़कर आगे बढ़ते हैं मंजिल उन्हें ही मिलती है। कहा, अपनी तरफ से सुरक्षा का ख्याल रखती हैं। उपलब्ध संसाधन के जरिए खुद को बीमारी से बचाने की कोशिश करती हूं। हम अपना काम नहीं छोड़ सकते। अपने कर्तव्यों का निर्वहन ही हमारी प्राथमिकता रहती है। परिवार से रहना पड़ा दूर

डा. सिन्यी बताती हैं कि कोविड वार्ड में ड्यूटी के समय परिवार से दूर रहना पड़ा। यह अवधि सबसे ज्यादा मुश्किल भरी रही। समय काटने के लिए कभी मोबाइल और लैपटाप पर फिल्में देखीं। कभी बीमारी के बारे में जानने के लिए देश-दुनिया की चिकित्सा क्षेत्र से जुड़ी पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन किया। कई बार डायरी लिखी। परिवार को बीमारी से बचाने का दायित्व भी साथ-साथ निभाना पड़ा। परिवार के लोगों को मिलने आने पर मना कर दिया। फोन पर बात की। वीडियो काल कर उन्हें भरोसा दिलाया कि सब ठीक है। डा. सिन्यी ने वर्ष 2019 में रिम्स के मेडिसीन विभाग में योगदान दिया था। सोचा नहीं था कि सेवा प्रारंभ करने के दो वर्ष के अंदर चिकित्सा क्षेत्र को सबसे मुश्किल दौर का सामना करना होगा। अब वर्तमान हालात को अपने आगे के करियर के सबसे अच्छे प्रशिक्षण अवधि के रूप में देख रही हैं।

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