शिक्षा वही जहां शब्दों के बदले मनुष्य का जीवन बोलना शुरू कर दे

रांची विवि के 34वें दीक्षा समारोह में सोमवार को 63 विद्यार्थियों के बीच 74 गोल्ड मेडल दिए गए।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 02 Mar 2021 06:01 AM (IST) Updated:Tue, 02 Mar 2021 06:01 AM (IST)
शिक्षा वही जहां शब्दों के बदले मनुष्य का जीवन बोलना शुरू कर दे
शिक्षा वही जहां शब्दों के बदले मनुष्य का जीवन बोलना शुरू कर दे

जागरण संवाददाता रांची : रांची विवि के 34वें दीक्षा समारोह में सोमवार को 63 विद्यार्थियों के बीच 74 गोल्ड मेडल दिए गए। इसके अलावा 173 विद्यार्थियों को उपाधि दी गई। लीगल स्टडीज सेंटर के सभागार में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू आनलाइन शामिल हुई। उन्होंने कहा कि शिक्षा वही है जहां शब्दों के बदले मनुष्य का जीवन बोलना आरंभ कर दे। उसमें सदाचार का श्रेष्ठ भाव हो। कहा, रांची विवि राज्य का सर्वाधिक पुराना विवि है। अपनी गुणवत्तायुक्त शिक्षा के कारण देश-विदेश में अलग पहचान बनाई है।

राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा आज की बुनियादी आवश्यकता है। शिक्षा व्यक्ति के आंतरिक शक्ति, गुण एवं कुशलता के विकास का उपक्रम है, जिससे वह अपने जीवन के उद्देश्य को प्राप्त कर सके। व्यक्तित्व का संतुलित एवं संपूर्ण विकास ही शिक्षा का लक्ष्य है। छात्रों में देशप्रेम, अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम तथा सद्गुण होनी चाहिए। उच्च शिक्षा को अर्थव्यवस्था से जोड़ें

राज्यपाल ने कहा कि विवि बदलते समय के अनुसार शिक्षा-व्यवस्था के स्वरूप में गुणात्मक परिवर्तन करें और उच्च शिक्षा को सीधे विकासशील अर्थव्यवस्था के साथ जोड़ने का प्रयास करे। कहा, नई शिक्षा नीति में मातृभाषा, नैतिकता एवं भारतीयता पर विशेष बल दिया गया है। यह शिक्षा नीति भारत को विश्व गुरु बनाने की दिशा में कारगर होगी। लीगल स्टडीज सेंटर में मिला गोल्ड

कार्यक्रम में कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन किया गया। विद्यार्थियों को अलग-अलग डिपार्टमेंट में डिग्री दी गई। लीगल स्टडीज सेंटर के हॉल में सभी 63 गोल्ड मेडलिस्ट को मेडल दिया गया। विद्यार्थियों को दिलाई गई विश्वस्तरीय सुविधाएं

कुलपति प्रोफेसर रमेश पांडेय ने कहा कि जियोलॉजी विभाग लगातार बेहतर काम कर रहा है। विवि ने कई संस्थाओं के साथ एमओयू करके विद्यार्थियों को नई तकनीक व विश्व स्तरीय सुविधाएं दिलाने की कोशिश की। कई सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए गए। प्रति कुलपति डा. कामिनी कुमार ने कहा कि 34 वें दीक्षांत समारोह में टीआरएल की 9 भाषाओं में डिग्री प्रदान की गई है। विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में सही पथ पर चलते हुए लक्ष्य को प्राप्त करें। हमेशा कुछ नया करने की सोचें। मौके पर कुलसचिव डा. मुकुंदचंद मेहता सहित सीनेट व सिंडिकेट के सदस्य थे।

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