रांची के अपर बाजार के 455 भवन मालिकों के खिलाफ केस दर्ज, सुनवाई शुरू
रांची रांची नगर निगम ने नगर आयुक्त की अदालत में अपर बाजार के 455 भवन मालिकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इन भवन मालिकों को अब कोर्ट में पेश होकर अपने भवन का नक्शा दिखाना होगा।
जासं, रांची : रांची नगर निगम ने नगर आयुक्त की अदालत में अपर बाजार के 455 भवन मालिकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। इन भवन मालिकों को अब कोर्ट में पेश होकर अपने भवन का नक्शा दिखाना होगा। नक्शा नहीं दिखाने पर भवन को सील कर दिया जाएगा। अपर बाजार के भवन मालिकों के खिलाफ नगर आयुक्त की अदालत में केस दर्ज होने के बाद हड़कंप मच गया है।
गौरतलब है कि हाई कोर्ट ने अपर बाजार में अतिक्रमण और सड़क संकरी होने पर बाजार को ही बंद करने की बात कही थी। साथ ही इस पर नगर निगम से जवाब मांगा था। अब नगर निगम हाई कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई करने की कवायद में जुट गया है। नगर निगम ने पहले ही इन 455 भवन के मालिकों को पिछले साल सितंबर में नोटिस जारी कर भवन का नक्शा जमा करने को कहा था। लेकिन किसी ने नक्शा जमा नहीं किया है।
भवनों की जांच भी हुई थी : नगर निगम ने इंजीनियरों की एक टीम लगाकर सभी भवनों की जांच कराया था। नगर निगम के इंजीनियर घर घर गए थे और नक्शा दिखाने को कहा था। लेकिन किसी भी भवन मालिक ने नक्शा नहीं दिखाया। ऐसे भी भवन, जिनका नक्शा तो है पर विचलन कर लिया गया
तकरीबन 10 भवन ऐसे हैं, जिनका नक्शा पास है। लेकिन उन्होंने भी विचलन कर लिया है। यानी स्वीकृत नक्शा का उल्लंघन कर निर्माण कराया गया है।
ऐसे किया विचलन
ग्राउंड फ्लोर या बेसमेंट में पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए थी। ऐसा स्वीकृत नक्शे में कहा गया है। लेकिन नक्शे का उल्लंघन करते हुए इन भवनों में ग्राउंड फ्लोर या बेसमेंट को भी व्यवसायिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। नोटिस का जवाब नहीं देने पर कार्रवाई का निर्देश
नोटिस का जवाब नहीं देने पर नगर आयुक्त ने नगर निगम के टाउन प्लैनिग सेक्शन को अपर बाजार के भवन मालिकों पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसी सिलसिले में 455 भवन मालिकों के खिलाफ केस दर्ज किया है। नगर निगम ने हाईकोर्ट में भी इन भवन मालिकों पर केस दर्ज किए जाने की जानकारी दे दी है। नियम बनने पर आए थे 650 आवेदन
गौरतलब है कि पिछली सरकार में भवनों को नियमित करने के लिए नियम बनाए गए थे। इसके तहत 650 आवेदन आए थे। लेकिन इंजीनियरों ने जांच की तो ढाई सौ भवन ही ऐसे पाए गए जो नए नियम के दायरे में आ रहे थे। इन्हें नियमित किया गया। बाकी आवेदनों को रद कर दिया गया। क्या कहते हैं डिप्टी मेयर
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय का कहना है कि जब बिना नक्शे के घर बन रहे थे तो उस समय अधिकारी कहां थे। उनका कहना है कि जिन अफसरों के कार्यकाल में बिना नक्शे के यह घर बने हैं उन पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।