Vyasa Jayanti 2020 Wishes: आज एकाग्रचित होकर गुरु व्यास का ध्यान लगाएं, जरूर मिलेगा लाभ; जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व
Veda Vyasa Jayanti 2020 आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन चारों वेद व महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन वेद व्यास का जन्म हुआ था। इन्होंने वेदों की रचना की
रांची, जासं। Vyasa Jayanti 2020 Wishes आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इसी दिन चारों वेद व महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन वेद व्यास का जन्म हुआ था। वेदों की रचना करने के कारण इन्हें वेद व्यास भी कहा जाता है। वेद व्यास के सम्मान में ही आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है। इस दिन गुरु पूजन का विशेष विधान है। इस बार गुरु पूर्णिमा पांच जुलाई को पड़ रहा है। संघ के स्वयं सेवक केसरिया ध्वज के समक्ष गुरु पूजन करते हैं। पूजा-अर्चना के लिए मंदिरों में भारी भीड़ होती है। वहीं, इस बार कोराना संक्रमण के कारण मंदिर जहां सूने हैं वहीं सार्वजनिक कार्यक्रम भी नहीं होगा।
गुरु प्रत्येक दिन होते हैं वंदनीय
जीवन में हम जो कुछ भी प्राप्त करते हैं कहीं न कहीं गुरु की कृपा का ही फल है। गुरु का मतलब शिक्षक से नहीं बल्कि गुरु माता-पिता, भाई, दोस्त किसी भी रूप में हो सकते हैं जिनका नाम सुनते ही हृदय में सम्मान का भाव जगता है। सम्मान प्रकट करने के लिए किसी दिन का नहीं बल्कि प्रत्येक दिन गुरु वंदनीय होते हैं। हालांकि, जीवन की आपाधापी में भौतिक रूप जीवन निर्माता के प्रति कृतज्ञता जाहिर करने का मौका नहीं मिलता है। ऐसे में गुरु पूर्णिमा वो खास दिन होता है जहां हम भौतिक एवं मन दोनों ही रूप से गुरु की वंदना, सम्मान करते हैं।
भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान देवताओं से भी ऊपर माना गया है। संत कबीर अपने दोहे गुरु गोविंद दोनों खड़े, काके लागू पाय। बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय के माध्यम से व्यक्ति के जीवन में गुरु के महत्व को दर्शाया है। संत कबीर कहते हैं गुरु व्यक्ति के जीवन से अंधकार को दूर कर परमात्मा से मिलाता है। ईश्वर की महिमा गुरु के माध्यम से ही जान पाते हैं।
अत: गुरु का स्थान देवताओं से भी श्रेयकर है। गुरु पूर्णिमा के दिन विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनों की ओर से विशेष आयोजन कर गुरुओं के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है। कोरोना वायरस के कारण इस बार सभी जगहों पर सामूहिक कार्यक्रम को स्थगित कर अपने-अपने घरों में ही गुरु का पूजन करने को कहा जा रहा है। अधिकतर जगहों पर लोग ऑनलाइन गुरु पूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे।
20 हजार आनंदमार्गियों को सुनाएंगे ऑनलाइन प्रवचन
राज्य में आनंदमार्गियों की संख्या करीब 20 हजार है। इस बार गुरु पूर्णिमा पर ऑनलाइन सत्संग का आयोजन किया जाएगा। आचार्य सत्यश्रयानंद अवधूत के अनुसार गुरु पूर्णिमा पर सुबह एवं शाम में आनंदमार्ग के पुरोधा प्रमुख आचार्य विश्वदेवानंद अवधूत का प्रवचन होगा। आनंदमार्गी कार्यक्रम में ऑनलाइन भाग लेंगे।