Jharkhand Crime : डुगडुगी बजते ही जुटे ग्रामीण, अफीम की खेती नष्ट करने पहुंची पुलिस बैरंग लौटी
झारखंड के हजारीबाग और चतरा जिले की सीमा पर 100 एकड़ में अफीम की खेती होने की सूचना पुलिस को मिली थी। नक्सलियों और नशे के सौदागरों के गठजोड़ से इलाके में खेती हो रही है। ग्रामीणों को किया है ट्रेंड कि खतरा हो तो कैसे तत्काल सूचना देनी है।
चौपारण, हजारीबाग (शशि शेखर) : हजारीबाग और चतरा के घने जंगलों के बीच बड़े पैमाने पर नशे की फसल (अफीम के पौधे) फल फूल रही है। नक्सलियों और अपराधियों के संरक्षण में ग्रामीण इसकी खेती कर रहे हैं। चतरा पुलिस को जानकारी मिली है कि हजारीबाग-चतरा के सीमांत क्षेत्र में इन दिनों 100 एकड़ से अधिक जमीन पर अफीम की खेती हो रही है। पुलिस की एक टीम इसे नष्ट करने के लिए दो दिनों पूर्व चौपारण पहुंची थी, कार्रवाई शुरू की ही थी कि डुगडुगी बज गई और ग्रामीणों का समूह तत्काल जमा हो गया। ये पुलिस कार्रवाई का विरोध करने लगे, भारी विरोध के बीच पुलिस को कार्रवाई रोक बैरंग वापस लौटना पड़ा।
सूत्रों के अनुसार, नशे के सौदागरों ने ग्रामीणों को ट्रेंड किया है कि कैसे पुलिस के आने के बाद विशेष ध्वनि यंत्र (डुगडुगी) से सूचना का प्रसार करना है और एकजुट होकर विरोध कर फसल को नष्ट करने से बचाना है। चूंकि चौपारण का इलाका हजारीबाग में पड़ता है तो चतरा पुलिस इसकी सूचना हजारीबाग जिला पुलिस को दे दी है। बताया कि दुरागड़ा, मोरनियां, जमुनिया तरी सहित कई जंगली क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अफीम की खेती की जा रही है। खेती का क्षेत्र हर साल बढ़ता जा रहा है।
हजारीबाग-चतरा की सीमा पर बरसों से फल फूल रहा कारोबार
नक्सल प्रभावित इलाकों में वर्षों से अफीम की खेती होती आई है। ग्रामीणों को डरा-धमकाकर तो कहीं पैसे का लालच देकर नक्सली उनसे यह खेती करवाते हैं। देश के कई राज्यों में यहां से इसकी सप्लाई होती है। नक्सलियों के अर्थ तंत्र को यह फसल मजबूत करती आई है। चूंकि जंगली इलाकों में पुलिस की आवाजाही कम है तो इसका फायदा नक्सलियों और अफीम के सौदागरों को खूब होता है। ज्यादातर वन विभाग की जमीन पर खेती की जाती है तो इसमें पुलिस ग्रामीणों पर कार्रवाई भी नहीं कर पाती। हर साल सैकड़ों एकड़ में फसल नष्ट करने, धंधेबाजों की गिरफ्तारी के बावजूद अफीम की खेती फल-फूल रही है।
एसपी बोले- नशीले पदार्थों की खेती करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे
उधर, हजारीबाग जिले के पुलिस अधीक्षक मनोज रतन चोथे का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्र में अफीम की खेती करने वाले लोगों के खिलाफ सीआरपीएफ, चतरा एवं हजारीबाग की पुलिस साथ मिलकर संयुक्त रूप से अभियान चलाएगी। नशीले पदार्थों की खेती करने वालों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।