रोज चार घंटे गरीब बच्चों को पढ़ा रहे हैं विक्रम और सत्यम

वैश्रि्वक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से स्कूल-कॉलेज बंद है। बच्चों को पढ़ाई बाधित न हो इसको लेकर दो उत्साही युवक बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा दे रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 07:49 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 07:49 PM (IST)
रोज चार घंटे गरीब बच्चों को पढ़ा रहे हैं विक्रम और सत्यम
रोज चार घंटे गरीब बच्चों को पढ़ा रहे हैं विक्रम और सत्यम

बेड़ो : वैश्रि्वक महामारी कोरोना संक्रमण को लेकर देशव्यापी लॉकडाउन के बाद से स्कूल-कॉलेज बंद हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में वैसे भी बच्चे हैं, जिनके पास न तो स्मार्ट फोन है और न ही टीवी। ऐसे में गरीब बच्चे पढ़ाई से वंचित नहीं रह जाएं इसके लिए इटकी प्रखंड के गड़गाव गाव में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विक्रम नायक व सत्यम सिंह दो उत्साही युवकों ने उन्हें निश्शुल्क शिक्षा देने का बीड़ा उठाया है। ये दोनों खुद आगे बढ़कर अपनी पढ़ाई और दैनिक दिनचर्या से समय निकालकर जरूरतमंदों की मदद कर रहे हैं। दोनों गरीब बच्चों को रोज चार घटे निश्शुल्क शिक्षा दे रहे हैं।

गाव के 25-30 बच्चों को अपनी ओर से पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराई है। इसके साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क व सैनिटाइजर भी दिए हैं। गाव के गरीब बच्चों को अपने ही गाव के सामुदायिक भवन में प्रतिदिन निश्शुल्क शिक्षा देने का अभियान चला रखा है। इनका यह अभियान पिछले चार महीने से लगातार जारी है। यहां शिक्षा ग्रहण करने को लेकर बच्चों में खासा उत्साह है। वह समय पर हाजिर होकर पूरे मन से पढ़ाई कर रहे हैं। इससे उनके अभिभावक भी बहुत खुश हैं।

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स्कूल बंद रहने से बच्चों की बाधित हो रही है पढ़ाई

विद्यालयों के बंद रहने से ग्रामीण बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ा है। ऐसे में उनके बीच के ही युवक का यह प्रयास काफी सराहा जा रहा है। गांव वाले भी विक्रम और सत्यम के प्रयास को सफल बनाने का कार्य कर रहे हैं। वे सभी अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेज रहे हैं।

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पढ़ाई से बच्चों का होगा फायदा

विक्रम और सत्यम का कहना है कि बच्चों को पढ़ाने से मेमोरी पावर बढ़ेगा और बच्चों को भी लाभ होगा। सिलेबस पूरा नहीं होने से छात्र और उनके अभिभावक भी चितित हैं। हम छात्रों के हित में एक छोटा सा प्रयास कर रहे हैं। साथ ही कोरोना संक्रमण से बचाव और इसके रोकथाम के लिए ग्रामीणों को जागरूक करने का कार्य भी कर रहें हैं।

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