भारत को आत्मनिर्भर, सबल और समृद्ध बनाना विज्ञान भारती का उद्देश्य : जयंत सहस्रबुद्धे
Jharkhand News रांची में मंगलवार को विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ने कहा कि विज्ञान भारती बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देशज और नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए तैयार है।
रांची, जासं। विज्ञान के प्रयोग द्वारा भारत को आत्मनिर्भर, सबल, समृद्ध और अग्रणी राष्ट्र बनाने के लिए राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्यरत स्वयंसेवी संगठन विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जयंत सहस्रबुद्धे ने बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह और वैज्ञानिकों के एक समूह से मुलाकात की। प्रबंध पर्षद कक्ष में बैठक के दौरान सहस्रबुद्धे ने कहा कि हमें राष्ट्र की उन्नति के लिए आधुनिक ज्ञान-विज्ञान का तो लाभ उठाना ही है, देश के परंपरागत देशज तकनीकी ज्ञान और नई पीढ़ी के नवाचारों (इन्नोवेशंस) को भी दूरदराज के क्षेत्रों तक लक्ष्य वर्ग के बीच पहुंचाना है।
भारत के देशज तकनीकी ज्ञान से दुनिया किस तरह लाभान्वित हो सकती है, इसकी रणनीति पर भी हम चिंतन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विज्ञान भारती बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देशज और नई तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए तैयार है। आवश्यकता हुई तो प्रौद्योगिकी प्रसार के लिए दोनों संगठन आपसी समझौता पत्र पर हस्ताक्षर भी कर सकते हैं।
बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने विज्ञान भारती के प्रयासों की सराहना की और कहा कि प्रभावी ढंग से तकनीकी हस्तांतरण के लिए विश्वविद्यालय किसी भी प्रतिष्ठित और विश्वसनीय स्वयंसेवी संगठन के साथ कदम बढ़ा सकता है। कुलपति ने कहा कि राष्ट्र हित, राज्य हित और कृषक हित में किसी भी रचनात्मक सुझाव का स्वागत है।
मुलाकात के दौरान विज्ञान भारती के प्रांत अध्यक्ष डॉ. उपेंद्र सिंह, सचिव डॉ. टीबी सिंह, संयुक्त सचिव डॉ. जेके पांडेय, प्रांत संगठन मंत्री उपेन्द्र राय, संजीत कुमार तथा डॉ. ओम प्रकाश भी शामिल थे। विचार-विमर्श में भाग लेने वालों में बीएयू के वरिष्ठ पदाधिकारी डॉ एमएस यादव, डॉ. ए वदूद, डॉ एमएच सिद्दीकी, डॉ. सुशील प्रसाद के अलावा नई पीढ़ी के वैज्ञानिक डॉ. मनोज कुमार वर्णवाल, सिद्धार्थ जायसवाल, डॉ. प्रमोद राय, डॉ. नन्दनी कुमारी तथा डॉ. रासबिहारी साह शामिल थे।