मरीजों की परेशानी का सबब बने ठेला-खोमचा वाले, धरती के भगवान तक पहुंचने में बन रहे बाधक
RIMS Ranchi News रिम्स अस्पताल के गेट से 100 मीटर की दूरी तक फुटपाथ दुकानें लगी हैं। एंबुलेंस को यह दूरी तय करने में 15 से 20 मिनट का समय लग जाता है। दिन भर सड़क में जाम की स्थिति रहती है।
रांची, जासं। पैसे वाला हो या गरीब, रिम्स में सबकी जान बचती है। बस अस्पताल पहुंचने में देरी नहीं होनी चाहिए। एंबुलेंस को रास्ता साफ मिलना चाहिए, सड़क दुरुस्त होनी चाहिए। रिम्स-बरियातू मार्ग की स्थिति पहले से ही जर्जर है, अब रिम्स परिसर में लगने वाले ठेले-खोमचे मरीजों की परेशानी का सबब बन रहे हैं। रिम्स के ट्रामा सेंटर में मरीज काफी गंभीर स्थिति में पहुुंचते हैं। इनके लिए एक-एक मिनट का मोल होता है। लेकिन इसी ट्रामा सेंटर के बाहर ठेले-खोमचे वालों ने पूरे सड़क को जाम कर दिया गया है।
दिन भर रिम्स ट्रामा सेंटर या सुपरस्पेशियलिटी ब्लॉक के रास्ते में जाम लगा रहता है। कई बार यहां आधे घंटे तक एंबुलेंस भी फंसा रहता है। एक तो ठेले-खोमचे सड़क पर लगे रहते हैं, दूसरी ओर यहां खाना खाने वाले लोग भी सड़क में ही खड़े रहते हैं। इसी चक्कर में जो मरीज गंभीर होंगे, वे अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ देंगे। इस परेशानी को देखते हुए रिम्स प्रबंधन को पत्र भी लिखा जा चुका है। यह अपर निदेशक के कार्यालय में पहले ही रिसीव भी हो चुका है।
कोविड वार्ड के ही बाहर खुले में बिक रहा खाना, संक्रमण का खतरा
रिम्स परिसर से बीते 12 दिसंबर को अतिक्रमण कर सभी ठेले-खोमचे को हटा दिया गया। आनन-फानन में अतिक्रमण तो हो गया, लेकिन अब मरीज व परिजन जो खाना खा रहे, उससे संक्रमण का खतरा काफी बढ़ गया है। दरअसल, ट्रामा सेंटर को ही कोविड वार्ड में तब्दील किया गया है। इस वार्ड में दिन भर में कई संदिग्ध भी जांच के लिए पहुंचते हैं। रिपोर्ट में उनमें भी संक्रमण की पुष्टि हो जाती है। इसके अलावा दिन भर में कोविड वार्ड से संक्रमण के कई पदार्थ बाहर निकलते हैं। यहीं खुले में मरीज के परिजनों को खाना खिलाने की व्यवस्था है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ा हुआ है।
पूर्व निदेशक ने परिसर में खाली स्थान देकर किया था व्यवस्थित
इधर, रिम्स के पूर्व निदेशक डाॅ. डीके सिंह ने रिम्स परिसर में ही खाली स्थान देकर सभी ठेले-खोमचे व फूटकर विक्रेताओं को व्यवस्थित किया था। डाॅ. डीके सिंह ने रिम्स परिसर में वेंडर्स मार्केट बनाने का प्रस्ताव भी लाया था। लेकिन वर्तमान निदेशक व जिला प्रशासन ने मिलकर उक्त स्थान को खाली करा दिया है। इसके बाद से ही सभी ट्रामा सेंटर के बाहर दुकान लगाने लगे हैं।
'इस संबंध में अब तक कोई मामला मेरे संज्ञान में नहीं आया है। ठेले-खोमचे ट्रामा सेंटर के बाहर लगने से परेशानी तो हो ही रही है। जल्द इसका समाधान निकाला जाएगा और चीजों को व्यवस्थित किया जाएगा।' -डाॅ. वाघमारे प्रसाद कृष्ण, अपर निदेशक प्रशासनिक सह पीआरओ, रिम्स।