Vegetable Rate In Ranchi: इस सीजन में सस्ती होने की बजाय महंगी बिक रहीं सब्जियां, देखें....सब्जियों की नई रेट

Vegetable Rate In Ranchi ठंड के दस्तक के साथ ही बाजार मौसमी सब्जियों से पट जाते थे। लेकिन इस बार स्थिति विपरीत है। इस वजह से इस सीजन में सब्जियां सस्ती होने के बजाय महंगी हो गईं हैं। इसका असर लोगों के घर के बजट पर पड़ा है।

By Sanjay KumarEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 08:55 AM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 08:55 AM (IST)
Vegetable Rate In Ranchi: इस सीजन में सस्ती होने की बजाय महंगी बिक रहीं सब्जियां, देखें....सब्जियों की नई रेट
Vegetable Rate In Ranchi: इस सीजन में सस्ती होने की बजाय महंगी बिक रहीं सब्जियां, देखें....सब्जियों की नई रेट

रांची (जासं)। Vegetable Rate In Ranchi: ठंड के दस्तक के साथ ही बाजार मौसमी सब्जियों से पट जाते थे। लेकिन इस बार स्थिति विपरीत है। इस वजह से इस सीजन में सब्जियां सस्ती होने के बजाय महंगी हो गईं हैं। इसका असर लोगों के घर के बजट पर पड़ा है। राजधानी में टमाटर, मेथी, पालक, बथुआ आदि साग-सब्जियों की कीमत में बेतहाशा वृद्धि से लोग जो सब्जियां किलो में खरीदा करते थे, उसे पाव में खरीदने को मजबूर हो गए हैं। हालांकि धनिया पत्ता, बींस, गाजर, शिमला मिर्च आदि की कीमतें स्थिर रहने से कुछ हद तक राहत है। टमाटर 60 से 80 रुपये किलो तो पालक, मेथी, बथुआ आदि साग भी 40 से 50 रुपये किलो बिक रहे हैं। फूलगोभी में सप्ताह भर पहले गिरावट थी, लेकिन अचानक फिर से रेट बढ़ गया है। वहीं, पत्ता गोभी की कीमत में भी तेजी आई है। विक्रेताओं का कहना है कि 15-20 दिन पहले हुई बारिश की वजह से ग्रामीण क्षेत्र में मौसमी सब्जियों के फसल को भारी नुकसान हुआ। इस वजह से सब्जियों की कीमत में 30 प्रतिशत तक की उछाल आई है।

इधर, मौसम विभाग ने आज से एक बार फिर से बारिश होने की बात कही है। ऐसे में किसानों का नुकसान उठाना पड़ेगा। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि ऐसे में सब्जी और महंगी होने की संभावना है।

ट्रांसपोर्ट चार्ज में कमी नहीं होना भी मृल्यवृद्धि का एक कारण :

राजधानी रांची में टमाटर की आवक स्थानीय स्तर पर कांके, बेड़ो, नगड़ी, ठाकुरगांव व पिठोरिया से होती है। वहीं, आलू की आवक स्थानीय के अलावा बंगाल से भी होती है। जबकि अन्य मौसमी सब्जियां गोला, सिल्ली, ओरमांझी, कांके, इटकी, नगड़ी, बरामदे, पिठोरिया, पिस्का, साहेर आदि ग्रामीण क्षेत्रों से मंगाई जाती हैं। बेमौसम बारिश और ट्रांसपोर्ट चार्ज में कमी नहीं होने के कारण इसका सीधा असर शहर के सब्जी बाजार पर पड़ा है।

सब्जियों की कीमत एक माह पहले अब (रुपये/प्रति किलो) टमाटर 50-60 अब 60-80 बैगन 20-25 अब 35-40 फूल गोभी 50-60 अब 35-40 पत्ता गोभी 50 अब 30-40 पालक साग 25-30 अब 40-50 मेथी साग 25-30 अब 40-50 बथुवा साग 25-30 अब 40-50

धनिया पत्ता 100-110 अब 50-60

आलू 20-25 अब 30-35

मटर 100-120 अब 50-60

बींस 70-80 अब 50-60 शिमला मिर्च 80-100 अब 60-70

सब्जी विक्रेताओं क्या है कहना: लालपुर सब्जी विक्रेता विजेंद्र साहनी का कहना है कि बारिश की वजह से फसलों को नुकसान हुआ है। सरकार को महंगाई कम करने एवं किसानों की नुकसान की भरपाई के लिए विचार करना चाहिए। तभी राहत मिल सकेगी। लालपुर सब्जी विक्रेता सरिता देवी ने कहा कि सब्जी ही नहीं आज हर उत्पाद में महंगाई का असर है। इस वजह से आम लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ता है। चाहे वह विक्रेता हो या ग्राहक महंगाई से सब परेशान हैं। धुर्वा सेक्टर-2 बाजार के सब्जी विक्रेता महेश्वर महतो ने बताया कि बाजार त्योहारों के बाद सब्जियों की कीमत स्थिर थीं। लेकिन 20 दिन पूर्व हुई बेमौसम की बारिश की वजह से फसलों को नुकसान हुआ। इस वजह से इनकी कीमतों में एक बार फिर से वृद्धि हो गई है। धुर्वा सेक्टर-2 बाजार के सब्जी विक्रेता महेश साहू का कहना है कि बारिश की वजह से पत्ता गोभी सहित अन्य फसलें नष्ट हो गई हैं। इस वजह से दाम बढ़ गए हैं। ऐसे में, ग्राहक कम मात्रा में सब्जियों की खरीदारी कर रहे हैं।

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