शरीर को सुडौल और वजन कम करने में मददगार है वज्रासन
बच्चों को कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए योग सहायक है।
जासं, रांची: बच्चों को कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लगभग एक महीने से प्रतिदिन कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जा रहा है। इसमें अखिल भारतीय योग शिक्षक महासंघ की सहायता भी मिल रही है। कार्यक्रम में योग गुरु मंगेश त्रिवेदी के निर्देशन में आयोजित कार्यक्रम में बच्चों ने अपने जीवन मे आए बदलाव को योग गुरु से साझा किया। राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रभारी मोनिका शर्मा ने बच्चों को नियमित रूप से योग करने की सलाह दी। योग शिक्षिका अनामिका झा ने शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान मे रखते हुए आसन कराए ताकि बच्चों के शरीर को मजबूती मिले। वज्रासन का अभ्यास कराया गया जिससे शरीर सुडौल बनता है। यह आसन वजन कम करने में भी मददगार है।
वज्रासन :
वज्रासन का अर्थ है बलवान स्थिति। पाचनशक्ति तथा स्नायुशक्ति देने वाला होने से यह आसन वज्रासन कहलाता है।
विधि:
बिछे हुए आसन पर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़कर एडि़यों पर बैठ जाएं। पैर के दोनों अंगूठे परस्पर लगे रहें। पैर के तलवों के ऊपर नितम्ब रहें। कमर बिल्कुल सीधी रहे, दोनों हाथ को कुहनियों से मोड़े बिना घुटनों पर रख दें। हथेलियां नीचे की ओर रहें। दृष्टि सामने स्थिर कर दें। पांच मिनट से लेकर आधे घंटे तक वज्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। वज्रासन लगाकर भूमि पर लेट जाने से सुप्त वज्रासन होता है।
लाभ :
वज्रासन के अभ्यास से शरीर का मध्यभाग सीधा रहता है। श्वास की गति मंद पड़ने से वायु बढ़ती है। नेत्र ज्योति तेज होती है। लम्बे समय तक सरलता से यह आसन कर सकते हैं। इससे मन की चंचलता दूर होकर व्यक्ति स्थिर बुद्धिवाला बनता है। शरीर में रक्ताभिसरण ठीक से होकर शरीर निरोगी एवं सुन्दर बनता है। भोजन के बाद इस आसन में बैठने से पाचन शक्ति तेज होती है। कब्ज दूर होता है। भोजन हजम होता है। पेट की वायु का नाश होता है। कब्ज दूर होकर पेट के तमाम रोग नष्ट होते हैं। पांडुरोग से मुक्ति मिलती है। रीढ, कमर, जांघ, घुटने और पैरों में शक्ति बढ़ती है। कमर और पैर का वायु रोग दूर होता है। स्मरणशक्ति में वृद्धि होती है। स्नायु पुष्ट होते हैं। स्फूर्ति बढ़ाने के साथ मानसिक निराशा दूर करने के लिए यह आसन उपयोगी है। ध्यान के लिए भी यह आसन उत्तम है।
सावधानी :
जोड़ों में दर्द से पीड़ित व्यक्ति वज्रासन न करे।
एड़ी के रोग से पीड़ित व्यक्ति वज्रासन न करे।
अगर वज्रासन करने पर आपको कमर दर्द, कमजोरी या चक्कर आने जैसे कोई समस्या हो तो आसन बंद कर डाक्टर की सलाह जरूर लें।