नियमों में पूरी छूट नहीं होने से व्यापारी हैं परेशान
रांची लॉकडाउन के बाद सरकार के द्वारा धीरे-धीरे करके नियमों में
जागरण संवाददाता, रांची : लॉकडाउन के बाद सरकार के द्वारा धीरे-धीरे करके नियमों में छूट दी जा रही है। इससे उद्योग धंधे तो खुल गए हैं मगर नियमों में पूरी छूट नहीं मिलने से सभी परेशान हैं। मोटे तौर पर देखें तो हर व्यापार किसी न किसी रूप में एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। ऐसे में एक व्यापार को खोलने और दूसरे को बंद रखने का असर पूरे व्यापार पर पड़ रहा है। अभी भी आमलोगों की जरूरत के ज्यादातर दुकानें जैसे कपड़ा, जूता, श्रृंगार के दुकानें, रेस्टोरेंट, जिम आदि को अभी बंद रखा गया है। ऐसे में लोग बाजार आने से बच रहे हैं। इससे सोना-चांदी और घड़ी का व्यापार मार खा रहा है।
व्यापारी बताते हैं कि रांची के निवासियों के अलावा आसपास जैसे, खुटी, तमाड़, रातू, पिठोरिया, नगड़ी, आदि के लोग भी रोज बाजार की खरीदारी में बड़ा शेयर रखते हैं। मजदूरों की कमी से परेशान है बिल्डर व उद्योगपति :::
शहर के उद्योग और निर्माण कार्य में काम करने वाले आधे से ज्यादा मजदूर आपपास से जिलों और गांव से आकर यहां काम करते हैं। कोरोना संक्रमण के बाद रांची के आसपास से आने वाले ज्यादातर मजदूर अपने घर वापस चले गए हैं। इससे शहर में मजदूरों की काफी कमी हो गई है। उद्योग खुल चुके हैं। शहर के अंदर और बाहरी हिस्सों में निर्माण कार्य शुरू हो गया है। मगर मजदूरों की कमी से इसमें तेजी नहीं आ रही। जो मजदूर वापस गए थे और अब लौटना चाहते हैं उनके लिए सुविधाजन परिवहन व्यवस्था नहीं है। ऐसे में यहां मौजूद मजदूर को लोग ज्यादा पैसे देकर काम कराने को मजबूर हैं। वहीं इसका असर हार्डवेयर और पेंट दुकानों पर भी पड़ रहा है। सोना व्यापारियों को खरीदारों का है इंतजार :::
सोना-चांदी व्यापारियों में दुकानें खुल जाने से संतोष है। मगर लगन का सीजन कोरोना की भेंट चढ़ जाने का दुख है। छूट के बाद उन्होने दुकान तो खोल ली है मगर अभी भी ग्राहकों का इंतजार है। व्यापारियों का कहना है कि जब तक कपड़े, जूते और श्रृंगार के सामान के दुकानों को खोलने की इजाजत नहीं दी जाती तब तक सोना-चांदी की दुकानों में रौनक नहीं लौटेगी।
इसके अलावा एक बड़ी बात ये है कि हमारे यहां माल दिल्ली, मुंबई और बंगाल से आता है। वहां के होल सेल मार्केट अभी बंद है। व्यापारी काम नहीं कर रहे। ऐसे में हमारे पास जो माल है उसे निकालने के बाद हमें दूसरे खेप के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। लॉकडाउन में हर वर्ग की पॉकेट में मार पड़ी है। ऐसे में लाजमी है कि अभी एक-दो महीने लोग अपनी जरूरतों का सामान पहले लेंगे उसके बाद सोना-चांदी की तरफ सोचेंगे।
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क्या कहते हैं व्यापारी------------------
मजदूरों की कमी के कारण काम काफी धीरे -धीरे हो रहा है। इसके साथ ही लोगों की जेब भी लॉकडाउन में खाली हो गई है। जब तक पूरा बाजार अच्छी तरह से नहीं खुल जाता है और परिवहन व्यवस्था दुरूस्त नहीं हो जाती है। तब तक निर्माण कार्य में तेजी नहीं आ सकती है।
अंजन मेहता, बिल्डर
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कपड़ा व्यवसाय से रांची में लाखों लोग जुड़े हुए हैं। मगर सरकार की अनदेखी के कारण हमारा नुकसान हो रहा है। अगर व्यवसाय समय पर शुरू नहीं हुआ तो कई लोग के सामने भूखे रहने की नौबत आ जाएगी। थोक बाजार खुल जाने के बाद से कई व्यापारियों को महाजन भी पैसे के लिए परेशान कर रहे हैं।
संतोष अग्रवाल, कपड़ा व्यापारी
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सोना- चांदी का व्यापार नाम के लिए खुला है। जब तक बाजार में अन्य दुकानें नहीं खुलती तब तक केवल सोने की बिक्री संभव नहीं है। लगन का सीजन निकल जाने से वैसे भी काफी नुकसान हुआ है। अब हम केवल ग्राहकों के आने का इंतजार कर रहे हैं।
रवि कुमार, अध्यक्ष, सोना-चांदी व्यवसायी समिति।