केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड के लिए जल्द होगा भूमि अधिग्रहण, अन्नपूर्णा देवी के साथ बैठक में विभागों ने दिया आश्वासन
Jharkhand News Jharkhand Central University Ranchi रांची स्थित झारखंड स्टेट गेस्ट हाउस में केंद्रीय विश्वविद्यालय को लेकर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने समीक्षा बैठक की। इसमें रांची के डीसी विश्वविद्यालय के अधिकारी समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
रांची, जासं। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा है कि झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय राज्य के लिए गौरव की बात है। लेकिन 10 साल बाद भी अब तक स्थायी कैंपस नहीं मिल पाना चिंता का विषय है। वे सोमवार को झारखंड स्टेट गेस्ट हाउस में केंद्रीय विश्वविद्यालय की समीक्षा बैठक में बोल रहीं थी। उन्होंने कहा कि रिंग रोड से सटे चेरी में केंद्रीय विश्वविद्यालय का कैंपस बनना था, मगर अभी तक इसके लिए जमीन का अधिग्रहण नहीं हो सका है। इसमें कई तरह की दिक्कतें आ रही हैं। इन दिक्कतों को समन्वय बनाकर ही दूर किया जा सकता है। बैठक में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों सहित लैंड, रेवेन्यू, पेयजल, ऊर्जा विभाग, जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए।
16 एकड़ जमीन अधिग्रहण में लगेंगे 6 माह
अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि साल 2011 में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना के दौरान विवि को राज्य सरकार ने 500 एकड़ जमीन देने की बात कही थी। इसमें से 319 एकड़ जमीन जीएम लैंड और शेष रैयती जमीन थी। जीएम लैंड में भी स्थानीय लोगों का अवैध कब्जा है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ झारखंड यानि सीयूजे की ओर से बताया गया कि सरकार की ओर से उपलब्ध जमीन पर भवन तो बन गए हैं, लेकिन उनकी घेराबंदी नहीं हो पा रही है। लगभग 16 एकड़ जमीन है, जहां अवैध कब्जा होने की वजह से घेराबंदी नहीं हो पा रही है। इस पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री की ओर से पूछे जाने पर उपायुक्त छवि रंजन ने कहा कि यह जमीन उपलब्ध करा दी जाएगी, लेकिन इसके अधिग्रहण में कम से कम 6 माह का समय लगेगा।
गेतलसूद डैम से केंद्रीय विश्वविद्यालय को मिलेगा पानी
केंद्रीय विश्वविद्यालय के नए कैंपस में गेतलसूद डैम से पानी मिलेगा। बैठक में बिजली-पानी के मुद्दे पर पेयजल विभाग की ओर से बताया गया कि यहां गेतलसूद डैम से पानी आना है। वहीं ऊर्जा विभाग के अधिकारी ने बताया कि जमीन उपलब्ध करा दी जाए तो सबग्रिड बनाने का काम शुरू हो जाएगा। उन्हें यह विश्वास दिलाना होगा कि यहां यूनिवर्सिटी के खुलने से गांव को भी फायदा होगा।
स्थानीय लोगों को यूनिवर्सिटी में मिलेगी नौकरी
बैठक में रैयतों के प्रतिनीधि के रूप में स्थानीय मुखिया ने भी अपनी बातें रखी। इस पर अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि चाहे भवन के लिए जमीन की बात हो या फिर पहुंच पथ के लिए, स्थानीय लोगों के साथ भी बैठ कर रास्ता निकाला जाएगा। उन्होंने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से प्रस्ताव आया है। इसमें यूनिवर्सिटी ने कहा है कि नौकरी में स्थानीय लोगों का ध्यान रखा जाएगा। इसके अतिरिक्त ग्रामीणों के लिए स्किल सेंटर्स बनाए जाएंगे। यहां स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देकर यूनिवर्सिटी में रखा जाएगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय आसपास के गांव और वहां संचालित स्कूल को गोद भी लेगी।