झारखंड सरकार को झटका, केंद्र ने आरबीआइ खाते से दोबारा काटे 714 करोड़ रुपये

Jharkhand Government News केंद्र सरकार ने डीवीसी की बकाया राशि की दूसरी किस्त काटी है। बीते वर्ष अक्टूबर में पहली किस्त के 1417.50 करोड़ रुपये काटे गए थे। अब इसके बाद झारखंड सरकार के खजाने पर असर पड़ेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 12:54 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 08:14 PM (IST)
झारखंड सरकार को झटका, केंद्र ने आरबीआइ खाते से दोबारा काटे 714 करोड़ रुपये
झारखंड सरकार ने आग्रह पैसे नहीं काटने का अनुरोध किया था।

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने एक बार फिर झारखंड को झटका दिया है। ऊर्जा मंत्रालय ने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) का बकाया वसूलने के लिए आरबीआइ में राज्य के खाते से 714 करोड़ रुपये काट लिए हैं। मंगलवार को ही ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव ने त्रिपक्षीय समझौता रद करने की जानकारी केंद्र को दी थी। इसमें आग्रह किया गया था कि केंद्र सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) में झारखंड के खाते से राशि की कटौती नहीं करे।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय के सचिव संजीव एन सहाय ने आरबीआइ गवर्नर को डीओ लेटर (अर्द्धशासी पत्र) जारी कर त्रिपक्षीय समझौते के तहत झारखंड सरकार के खाते से डीवीसी के बकाया 2114.18 करोड़ वसूलने के लिए 714 करोड़ काट कर केंद्र सरकार के खाते में जमा करने को कहा। आरबीआइ ने इसके तहत कार्रवाई कर दी है। समझौते की शर्तों के तहत पहली किस्त अक्टूबर 2020 में 1417.50 करोड़ रुपये के रूप में काटी गई थी। इसके बाद झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) की ओर से बकाया भुगतान नहीं किए जाने पर 20 दिसंबर को नोटिस दिया गया था।

खजाने पर पड़ेगा असर

झारखंड की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। दो किस्तों में आरबीआइ खाते से राशि काटे जाने के बाद स्थिति और प्रतिकूल होगी। जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) भी बकाया भुगतान के लिए दबाव बना रहा है। एनटीपीसी का लगभग 2100 करोड़ रुपये बकाया है। अगर एनटीपीसी ने भी वसूली के लिए डीवीसी सरीखा रुख अपनाया, तो खजाने पर असर पड़ेगा। इसके अलावा, झारखंड को बिजली की किल्लत भी आने वाले दिनों में झेलनी पड़ेगी।

एकतरफा समझौता नहीं चलेगा, सुप्रीम कोर्ट जाएंगे : रामेश्वर

राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने समझौता से झारखंड के हटने के बावजूद पैसा काटे जाने के मामले में अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि एकतरफा समझौता नहीं चलेगा। अगर वे हमारा बकाया काट रहे हैं, तो हमें भी बकाया वसूली का हक दें। कई केंद्रीय उपक्रमों पर झारखंड सरकार का भी बकाया है, लेकिन समझौता एकतरफा है। इस मामले में सरकार अब सुप्रीम कोर्ट भी जाएगी।

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