गढ़वा में एक ही परिवार की दो लड़कियों की मौत, डॉक्टरों को अबूझ लगी बीमारी
Jharkhand Garhwa News एक लड़की की तीन दिन पहले मौत हुई थी। दूसरे ने सोमवार की रात सदर अस्पताल में दम तोड़ा। एक मरीज रिम्स रांची के लिए रेफर किया गया है। डॉक्टरों ने बताया कि मरीजों के शरीर में सूजन व फफोले जैसे लक्षण हैं।
गढ़वा, जासं। अबूझ बीमारी से जूझ रही गढ़वा के कांडी प्रखंड के भंडरिया गांव की निर्मला कुमारी (16) की सोमवार की रात में सदर अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। अब तक इस बीमारी से इसी परिवार की दो लड़कियों की मौत हो चुकी है। तीन दिन पहले शर्मिला कुमारी (18) की घर में ही मौत हुई थी। जबकि परिवार के दो सदस्य अभी भी जीवन व मौत से जूझ रहे हैं।
उन्हें सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने बेहतर इलाज के लिए रिम्स, रांची रेफर कर दिया है। इनमें सुनैना देवी व राम दहिन रजवार शामिल हैं। बताते चलें कि भडरिया गांव के नान्हू रजवार के परिवार के चार सदस्यों के शरीर में अचानक सूजन एवं फफोलाे हो गया है। इलाज के बावजूद शरीर में सूजन कम नहीं हो रहा है। जिले के चिकित्सकों के लिए भी यह एक नई बीमारी है।
कैसे सामने आई रहस्यमय बीमारी
मरीजों के अनुसार एक सप्ताह पूर्व निर्मला कुमारी 16 वर्ष को पैर में सूजन हुआ था। तब उसे गंभीरता से नहीं लिया। दवा खाने के बाद भी सुधार नहीं हुआ और सूजन बढ़ने लगा। इसके बाद परिवार के तीन और लोगों शर्मिला, राम दहिन व सुनैना देवी के शरीर में भी सूजन हो गया। इसके पश्चात सभी बीमारों ने मझिआंव स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर इलाज कराया। लेकिन इसी बीमारी से शर्मिला कुमारी की मौत हो गई।
जानकारी मिलने पर 10 जुलाई को सिविल सर्जन डाॅ. कमलेश कुमार ने भंडरिया गांव में मेडिकल टीम भेज कर बीमारों की जांच करवाई। मेडिकल टीम में शामिल चिकित्सकों डाॅ. मनीष कुमार एवं डाॅ. कुमार पीयूष प्रमोद के परमर्श पर तीनों बीमारों को सदर अस्पताल लाया गया। इलाज के दौरान निर्मला कुमारी की सदर अस्पताल में मौत हो गई। चिकित्सकों के अनुसार इलाज के बाद सुनैना देवी की हालत में सुधार हुआ है। लेकिन राम दहिन की स्थिति गंभीर बनी हुई है। उसे रिम्स रांची रेफर कर दिया गया है।
बीमारी के संबंध में यह कहते हैं चिकित्सक
सदर अस्पताल में भंडरिया गांव के तीनों बीमार लोगों का इलाज करनेवाले सदर अस्पताल के चिकित्सक डाॅ. टी पीयूष बताते हैं कि उक्त बीमारी किसी पदार्थ के प्रति शरीर की हाइपरसेंसटिविटी के कारण हुआ एनासारका है। जांच रिपोर्ट में बीमारों को सीवियर एनीमिया यानी खून की गंभीर कमी होने की बात सामने आई है। साथ ही किडनी फेलियर भी है।
डाॅ. टी पीयूष ने बताया कि मरीजों को रक्त चढ़ाया गया एवं आवश्यक इलाज भी किया गया। सिविल सर्जन के निर्देश पर सदर अस्पताल में उक्त मरीजों की जांच के लिए पुनः गठित मेडिकल टीम में शामिल एसीएमओ डॉ. ज्वाला प्रसाद सिंह, डॉ. टी पीयूष एवं डॉ. कुमार प्रशांत प्रमोद ने मरीजों की जांच के बाद कहा है कि इसका इलाज अब उच्चतर मेडिकल संस्थान में ही हो सकता है।