धर्मांतरण रोकने को हरि कथा सुना रहीं आदिवासी युवतियां, सनातन धर्म के प्रति कर रहीं जागरूक VIDEO

Rashtriya Swayamsevak Sangh देश के कई इलाकों में प्रशिक्षण प्राप्त 1500 युवतियां गांवों में जाकर राम व भागवत कथा कह रही हैं। एकल की योजना के तहत पूरे देश में आदिवासी बहुल गांवों में जाकर हिंदू संस्‍कृति के प्रति लोगों को जागरूक कर रहीं हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 08:29 PM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 09:31 AM (IST)
धर्मांतरण रोकने को हरि कथा सुना रहीं आदिवासी युवतियां, सनातन धर्म के प्रति कर रहीं जागरूक VIDEO
कथा कहने के लिए प्रशिक्षण प्राप्‍त करतीं युवतियां।

रांची, [संजय कुमार]। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आनुषांगिक संगठन एकल अभियान से जुड़कर 1500 आदिवासी युवतियां झारखंड सहित पूरे देश में घूम-घूम कर सांस्कृतिक चेतना जगाने और धर्मांतरण रोकने के अभियान में जुटी हैं। प्रशिक्षण प्राप्त ये युवतियां गांवों में जाकर लोगों को राम कथा व भागवत कथा सुनाकर लोगों को सनातन धर्म के प्राचीन और समृद्ध ज्ञान से अवगत करा रही हैं। इस काम में 1500 कथा वाचक लगी हैं। इसमें अधिकतर सुदूर ग्रामीण इलाकों के रहने वाली युवतियां हैं।

एकल अभियान के संस्थापक व आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक श्यामजी गुप्त की प्रेरणा से इस अभियान की शुरुआत 1995 में हरि कथा योजना नाम से झारखंड से की गई थी। धीरे-धीरे इस अभियान से झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा सहित कई राज्यों के गांवों की लड़कियां जुडऩे लगीं और कथा कहने के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने लगीं। वर्तमान समय में तीन हजार कथावाचक गांवों में जाकर कथा कहने का काम कर रहे हैं।

ये ज्यादा समय उन इलाकों में दे रहे हैं जहां ईसाई मिशनरियों की ओर से भोले-भाले आदिवासियों का धर्मांतरण कराया जा रहा है। कथावाचक युवतियों को प्रशिक्षित करने के लिए अयोध्या, वृंदावन, नागपुर, पुरी, गुवाहाटी सहित पूरे देश में सात स्थानों पर मुख्य प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन कथावाचकों के प्रयास से स्थानीय लोगों में अपने धर्म और संस्कृति के प्रति गौरव व स्वाभिमान का भाव भी बढ़ा है।

साथ ही बच्चों व युवाओं में सांस्कारिक व आध्यात्मिक जागरण भी हुआ है। इनसे प्रेरित होकर लोग अब धर्मांतरण का विरोध कर रहे हैं। लालच देकर धर्मांतरण कराने वालों से ये युवतियां सनातन धर्म के गूढ़ ज्ञान के हथियार से मुकाबला कर रही हैैं। कई इलाकों में धर्मांतरण पर रोक लगनी शुरू हो गई है।

आदिवासी युवतियां देश के कई हिस्‍सों में हरि कथा, भागवत कथा सुनाकर धर्मांतरण रोकने का काम कर रही हैं। इस वीडियो में ये इसका प्रशिक्षण प्राप्‍त कर रही हैं।#RSS#StopConversion pic.twitter.com/IeCGO4XSZN

— Sujeet Kumar Suman (@sujeet_hzb) September 28, 2020

मूल धर्म में वापस आ रहे हैं लोग

एकल अभियान कथाकार योजना के अखिल भारतीय प्रमुख जीतू पाहन ने कहा कि विदेशी धर्म संस्कृति वाले लोग हमारे भोले-भाले आदिवासी भाई-बहनों को प्रलोभन देकर धर्म बदलने का कुत्सित प्रयास कर रहे हैं। जब लोगों को अपनी धर्म-संस्कृति के बारे में जानकारी दी जाती है तो अपने धर्म के बारे में उनका स्वाभिमान जागृत होता है। इसके बाद वह दूसरे धर्म को अपनाना नहीं चाहते।

खास बात यह है कि धर्मांतरित होकर जो लोग दूसरे धर्म में चले गए वे अब अपने मूल धर्म में वापस भी आ रहे हैं। जिन-जिन आदिवासी गांवों में हरि सत्संग मंडली सतत कार्य करती है उन गांवों में किसी भी विदेशी धर्म प्रचारक का स्थान नहीं है। उन गांवों के अधिकतर युवा नशा पान नहीं कर रहे हैं।

नौ माह का दिया जाता है प्रशिक्षण

हरि कथा योजना के केंद्रीय प्रशिक्षण प्रमुख देवकीनंदन दास ने कहा कि जो भी युवक व युवतियां कथाकार योजना से जुड़ते हैं, उन्हें सबसे पहले मुख्य प्रशिक्षण केंद्रों पर नौ माह का प्रशिक्षण दिया जाता है। फिर जिलों व अंचलों में एक माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलता है, जो अभी कई जगहों पर चल रहा है। प्रशिक्षण लेने के बाद कम से कम पांच वर्षों तक सभी इस अभियान से जुड़े रहते हैं।

ये कथाकार विदेश में भी जाकर कथा कहते हैं। इस वर्ष फरवरी-मार्च में एक माह के लिए 10 लोगों की टोली अमेरिका गई थी। वर्तमान समय में यह अभियान देश के कई हिस्‍सों के साथ झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, ओडिशा आदि कई राज्‍यों में चल रहा है।

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