रांची-हजारीबाग-बोकारो-देवघर के एमवीआइ बदले गए, कुछ को मिला अतिरिक्त प्रभार; देखें LIST
Motor Vehicle Inspector Jharkhand News झारखंड के कई जिलों के एमवीआइ बदले गए हैं। इसके अलावा कुछ को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। मंगलवार की शाम इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इधर स्टेट वेबरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड में कार्यरत कर्मियों की नौकरी बरकरार रहेगी।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड परिवहन विभाग ने कई जिलों के एमवीआइ यानि मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर का तबादला कर दिया है तो कुछ जिलों के एमवीआइ को आसपास के जिलों का अतिरिक्त प्रभार दिया है। मंगलवार की शाम इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। जारी अधिसूचना के अनुसार रांची, लोहरदगा, बोकारो, देवघर आदि जिलों के एमवीआइ का तबादला कर दिया है।
नाम कहां गए
-मुकेश कुमार- साहिबगंज
-शाह नवाज- गोड्डा
-अवधेश कुमार सिंह- पूर्वी सिंहभूम (पश्चिमी सिंहभूम, चाईबासा एवं सरायकेला- खरसावां का अतिरिक्त प्रभार)
-अजय कुमार- रांची (बोकारो का अतिरिक्त प्रभार)
-अरूण कुमार दास- धनबाद, (देवघर का अतिरिक्त प्रभार)
-आशीष कुमार महतो (गिरिडीह, जामताड़ा का अतिरिक्त प्रभार)
-अरूण कुमार झा- गुमला, (सिमडेगा का अतिरिक्त प्रभार)
-बहादुर प्रसाद वर्मा- लातेहार, (लोहदगा का अतिरिक्त प्रभार)
-नरेंद्र प्रसाद यादव- खूंटी
रजनीकांत सिंह- हजारीबाग (रामगढ़ का अतिरिक्त प्रभार)
-विजय गौतम- कोडरमा, (चतरा का अतिरिक्त प्रभार)
जेएसबीसीएल में अनुबंध पर कार्यरत 350 कर्मियों की बरकरार रहेगी नौकरी
आगामी एक अगस्त से शराब की थोक बिक्री निजी हाथों में जाने के बाद झारखंड स्टेट वेबरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) में पहले से अनुबंध पर कार्यरत करीब 350 कर्मियों की नौकरी बरकरार रहेगी। उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है। लिखा है कि ये कर्मी नियमानुसार बहाल किए गए थे। थोक शराब की बिक्री निजी हाथों में जाने के बाद यह बात सामने आ रही थी कि जेएसबीसीएल के कर्मी हटाए जाएंगे।
इनका दिसंबर तक के लिए अनुबंध था, लेकिन इसके भीतर ही सरकार ने शराब की थोक बिक्री निजी हाथों में दे दी। ये अचानक बेरोजगार न हो जाएं, इसीलिए विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी किया। ऐसे कर्मियों को मौखिक रूप से यह कह दिया गया है कि उनका वेतन घटेगा। उन्हें वेतन भी थोक शराब कारोबारियों को दिए जाने वाले 2.5 फीसद मार्जिन मनी में प्वाइंट पांच फीसद राशि ऐसे कर्मियों के वेतन मद में खर्च होंगे।