एनआरसी का विरोध करने वाले गद्दार : इंद्रेश कुमार
राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के मुख्य संरक्षक एवं आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि एनआरसी का विरोध करने वाले देश के गद्दार हैं।
जागरण संवाददाता, रांची : राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के मुख्य संरक्षक एवं आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने पूरे देश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने की घोषणा की है। संसाधनों की सीमित उपलब्धता के बीच यह आवश्यक है कि देश की मूलभूत सुविधाओं पर पहला हक भारतीय नागरिकों का हो। अगर कोई एनआरसी का विरोध करता है तो वह देश का गद्दार है। जिन देशों को घुसपैठियों से लगाव है, उन्हें इन लोगों को अपने देश में बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए।
वह सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच के झारखंड प्रदेश द्वारा आयोजित सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन रांची विश्वविद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी में किया गया था।
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हमारे देश की संस्कृति सबको साथ लेकर चलने की
इंद्रेश कुमार ने भारत के इतिहास के बारे में विस्तार से चर्चा की। कहा कि जब भी दुनिया के किसी देश में नागरिकों का पलायन हुआ तो एक बड़ी आबादी शरण लेने हमारे देश में पहुंची। देश की सभ्यता और संस्कृति सबको साथ लेकर चलने की रही है। यही कारण है कि दुनिया के लगभग सभी देशों से विस्थापित लोग भारत के अलग-अलग हिस्सों में मिल जाएंगे। उन्होंने अपने व्याख्यान में एनआरसी क्यों, पीओजेके और गिलगित-बाल्टिस्तान की मुक्ति, बढ़ती जनसंख्या विकास के लिए चुनौती तथा जल व जलवायु संरक्षण तथा बढ़ता प्रदूषण पर अपनी बात रखी। कार्यक्रम में संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पवन बजाज, चैंबर अध्यक्ष कुणाल अजमानी, साई नाथ यूनिवर्सिटी के प्रो.चांसलर डॉ एसपी अग्रवाल, झारखंड रॉय यूनिवर्सिटी की वीसी डॉ. सविता सेंगर, फैंस के गोलक बिहारी राय, हिदू जागरण मंच के क्षेत्रीय संगठन मंत्री डॉ. सुमन कुमार, डॉ. शाहिद अख्तर, डॉ. संदीप, डॉ. राज कुमार, डॉ.आर भद्रा, दीपक कुमार, आदि मौजूद रहे। ::::::::::
21 अक्तूबर देश की आजादी का दिन, 15 अगस्त को विभाजित भारत स्वतंत्र हुआ
इंद्रेश कुमार ने कहा कि 21 अक्तूबर 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिद फौज के पहले सेनापति के रूप में स्वतंत्र भारत की पहली प्रांतीय सरकार बनाई। उन्होंने कहा कि आज का दिन सही मायने में देश का स्वतंत्रता दिवस है। 15 अगस्त 1947 को विभाजित भारत स्वतंत्र हुआ। इस मुद्दे पर बहस होनी चाहिए।
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