प्रदूषण जांच केंद्र नहीं खुलने पर परिवहन विभाग का फैसला, रिन्यू नहींं होगा पेट्रोल पंप का ट्रेड लाइसेंस

1161 पेट्रोल पंप में से अब तक सिर्फ 172 पेट्रोल पंप पर जांच केंद्र है। रांची जिला को छोड़ अन्य जिलों की स्थिति बेहतर नहीं है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 08:42 AM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 08:42 AM (IST)
प्रदूषण जांच केंद्र नहीं खुलने पर परिवहन विभाग का फैसला, रिन्यू नहींं होगा पेट्रोल पंप का ट्रेड लाइसेंस
प्रदूषण जांच केंद्र नहीं खुलने पर परिवहन विभाग का फैसला, रिन्यू नहींं होगा पेट्रोल पंप का ट्रेड लाइसेंस

रांची(शक्ति सिंह), परिवहन विभाग ने सभी डीटीओ और एमवीआइ को निर्देश दिया है कि 31 अक्टूबर तक पेट्रोल पंप पर लक्ष्य का 50 फीसद प्रदूषण जांच केंद्र खोलवाएं अन्यथा उन पर कार्रवाई होगी। साथ ही पेट्रोल पंप के ट्रेड लाइसेंस को भी रिन्यू नहीं किया जाएगा। इसके अलावा उन तेल कपनियों से आग्रह किया जाएगा, जिनके पास ट्रेड लाइसेंस रिन्यू नहीं है, उन्हें तेल नहीं दिया जाए। 

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पेट्रोल पंप पर प्रदूषण केंद्र खोला जाना है। 1161 पेट्रोल पंपों में से अब तक सिर्फ 172 पेट्रोल पंप सेंटर पर प्रदूषण जांच केंद्र सेवा शुरू हुई है। रांची जिला को छोड़ अन्य जिलों की स्थिति बेहतर नहीं है। रांची जिला में सर्वाधिक 44 सेंटर संचालित हैं। साथ ही 38 और आवेदन सेंटर खोलने के लिए पेट्रोल पंप मालिकों द्वारा दिए गए हैं, जबकि यहां पेट्रोल पंप की संख्या 125 है।

चार जिलों के पंपों पर एक भी सेंटर नहीं  

प्रदेश में चार जिले ऐसे हैं, जहां एक भी पेट्रोल पंप पर प्रदूषण जांच केंद्र नहीं खोले गए हैं। इनमें सिमडेगा जिला भी है जहां 16 पेट्रोल पंप है,पर जांच सेंटर एक भी नहीं है। कोडरमा 39 में शून्य, गोड्डा 18 में शून्य, गढ़वा 40 में शून्य प्रदूषण जांच केंद्र हैं। 

प्रदेश के 19 जिलों में एक भी आंकड़ा नहीं

प्रदेश के 19 जिले ऐसे हैं, जहां दस जांच केंद्रों का भी आंकड़ा नहीं छुआ है। इनमें गुमला, खूंटी, लोहरदगा, सिमडेगा, चतरा, गिरीडीह, हजारीबाग, कोडरमा, सरायकेला-खरसावां, पश्चिमी सिंहभूम, देवघर, दुमका, पाकुड़, गोडडा, जामताड़ा, साहेबगंज, गढ़वा, लातेहार और पलामू शामिल हैं। 

278 आवेदन आए  

परिवहन विभाग की सख्ती के बाद प्रदूषण जांच केंद्र के लिए विभिन्न पेट्रोल पंपों द्वारा आवेदन दिए गए हैं। 278 आवेदन अब तक आ चुके हैं। हालांकि, इन आवेदनों की संख्या अब भी कम है। अब भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए कम से कम 300 और आवेदनों की आवश्यकता है।

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