हाई कोर्ट पहुंचा झारखंड में सरकार गिराने की साजिश का मामला, CBI-Income Tax-ED से जांच की मांग
हेमंत सरकार को गिराने के मामला अब झारखंड हाई कोर्ट की दहलीज पर पहुंच चुका है। पंकज यादव ने हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की। याचिका में कहा गया है कि कब तक झारखंड में विधायकों के खरीद फरोख्त का मामला चलता रहेगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। हेमंत सोरेन सरकार को गिराने की साजिश का मामला झारखंड हाई कोर्ट पहुंच गया है। इसे लेकर पंकज कुमार यादव की ओर से अधिवक्ता राजीव कुमार ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में इस प्रकरण की जांच सीबीआइ, इनकम टैक्स और ईडी से कराने की मांग की गई है। अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि याचिका में कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह के कॉल डिटेल की जांच की मांग की गई है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि विधायकों की खरीद-फरोख्त की जानकारी उन्हें कहां से मिली है।
यह भी पता लगाया जाए कि अनूप सिंह ने विदेश जाकर किन-किन लोगों से मुलाकात की है। याचिका में कहा गया है कि वर्ष 2005 से ही राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त का खेल चल रहा है। इससे मतदाता अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। अपने क्षेत्र के विकास के लिए मतदाता विधायक का चुनाव करता है, लेकिन विधायक अपने फायदे और पद के लालच में बिक जाते हैं, जो मतदाता के संवैधानिक अधिकारों का हनन है। याचिका में पिछले पांच माह में दिल्ली जाने वाले सभी विधायकों की जांच करने की मांग की गई है।
इससे यह पता चल पाए कि दिल्ली जाने वाले विधायक किन-किन लोगों से मिले हैं। इसके साथ ही इनके खातों की जांच की जाए कि इस दौरान कहां-कहां ट्रांजेक्शन किया गया है। बताया गया कि पहले के कई विधायकों पर राज्यसभा में खरीद-फरोख्त मामले में चार्जशीट दाखिल की गई है। इसमें विधायक उमाशंकर अकेला पर वर्ष 2010 के मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।
राजीव कुमार ने कहा कि विपक्ष का यह दावा कि यह सत्ता पक्ष का केवल प्रोपगंडा है, तो इसका पर्दाफाश होना चाहिए। लेकिन अगर सही मामला है तो सरकार को अस्थिर करने का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक अनूप सिंह की सूचना पर ही पुलिस ने इस मामले का भांडाफोड़ किया। इस मामले में उन्होंने ही प्राथमिकी दर्ज कराई है।