Tokyo Olympics: ये बदलते भारत की बेटियां हैं, कभी हार नहीं मानती
Tokyo Olympics Hockey Team Jharkhand News भारतीय महिला हाॅकी टीम के टोक्यो ओलिंपिक में सेमीफाइनल में पहुंचने पर पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों ने प्रसन्नता व्यक्त की है। कह रहे हैं कि भारतीय टीम इस बार कई उलटफेर कर सकती है।
रांची, [संजीव रंजन]। ये बदलते भारत की बेटियां हैं, जो कभी हार नहीं मानती। ये सभी पटलवार करने में माहिर हैं। इन बेटियों का ही कमाल है कि तीन मैच हारने के बाद भी सेमीफाइनल में जगह पक्की करने में सफल रही है। टोक्यो ओलिंपिक में भारतीय महिला हाॅकी टीम के शानदार प्रदर्शन से झारखंड की पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी भी अभिभूत हैं। टीम में शामिल झारखंड की निक्की प्रधान व सलीमा टेटे के शानदार प्रदर्शन पर भी उन्होंने हर्ष व्यक्त किया है।
इनका मानना है कि इस बार अगर टीम फाइनल में पहुंच जाए तो बड़ी बात नहीं। बिहार-झारखंड से भारत का प्रतिनिधित्व करने वाली पहली महिला खिलाड़ी सावित्री पूर्ति ने इस प्रदर्शन को शानदार बताया। उन्होंने कहा कि टीम जब टोक्यो गई थी, तब यह समझा जा रहा था कि क्वार्टर फाइनल में पहुंच गई तो बड़ी बात होगी। लेकिन बेटियों ने इतना शानदार प्रदर्शन कर सबका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। झारखंड के लिए यह और भी गर्व की बात है कि यहां की दो बेटियों निक्की व सलीमा ने बेहतर प्रदर्शन किया है।
भारतीय महिला हाॅकी टीम की पूर्व कप्तान असुंता लकड़ा ने कहा कि टीम का प्रदर्शन लाजवाब रहा। जो लोग टीम को पदक के दावेदारों में शामिल नहीं कर रहे थे, वे आस्ट्रेलिया के खिलाफ टीम का प्रदर्शन देखकर कह रहे हैं कि भारतीय टीम इस बार कई उलटफेर कर सकती है। सलीमा व निक्की को मैं बधाई देती हूं। दोनों उस टीम में शामिल हैं, जो इतिहास बना रही है। पूर्व कप्तान सुमराय टेटे ने भी टीम के प्रदर्शन को शानदार बताया।
उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ जीत हासिल करना कोई छोटी बात नहीं है। क्वार्टर फाइनल मैच से पहले आस्ट्रेलिया को जीत का दावेदार माना जा रहा था। लेकिन मैच में भारतीय लड़कियों ने आक्रमण के साथ-साथ शानदार डिफेंस का भी प्रदर्शन किया। निक्की ने हाफ में आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को चेक कर रखा, जबकि सलीमा ने आगे बढ़कर आक्रमण की सूत्रधार बनी। दोनों को बधाई। पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी एडलिन केरकेट्टा ने भी टीम के प्रदर्शन पर खुशी जताई है।
उन्होंने कहा कि टीम जब टोक्यो रवाना हुई थी, तब हमलोगों ने यह नहीं सोचा था कि यह टीम हमें इतनी गौरवान्वित करेगी। लगातार तीन मैच हारने के बाद हमलोग यह मान लिए थे कि टीम अगर एक मैच भी जीत जाए तो बहुत है। लेकिन टीम ने शानदार वापसी करते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय कर लिया है। अब वह पदक जीतने के करीब है। इस ऐतिहासिक टीम में झारखंड की दो बेटियों भी शामिल हैं, जो शानदार प्रदर्शन कर रही हैं। सलीमा टेटे सिमडेगा की और निक्की प्रधान खूंटी की रहने वाली है।