Tokyo Olympics: सिंधू का एक पदक बैडमिंटन को झारखंड में लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचा देगा, जानें
Tokyo Olympics Jharkhand News रांची की पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी उमा रानी पालित का मानना है कि सिंधू का टोक्यो ओलिंपिक में पदक जीतना महान क्षण तो होगा ही साथ ही देश में बैडमिंटन के विकास को गति मिलेगी।
रांची, खेल संवाददाता। टोक्यो ओलिंपिक में भारत के लिए पदक की प्रबल दावेदार पीवी सिंधू बैडमिंटन की एकल स्पर्धा में बेहतरीन शुरुआत करते हुए दूसरे दौर में पहुंच गई है। पहले दौर में भारत की सिंधू ने इजरायल की केसिना पोलीकारकोवा को 21-7, 21-10 से पराजित कर दूसरे दौर में जगह बनाई। सिंधू के प्रदर्शन को देखकर उनसे पदक की उम्मीद की जा रही है। वहीं रांची की पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी उमा रानी पालित का मानना है कि सिंधू का टोक्यो ओलिंपिक में पदक जीतना महान क्षण तो होगा ही, साथ ही देश में बैडमिंटन के विकास को गति मिलेगी।
उमा रानी पालित ने कहा कि आज भारत में बैडमिंटन काफी लोकप्रिय है और युवा इस खेल से जुड़ भी रहे हैं। इसका पूरा श्रेय पीवी सिंधू, साइना नेहवाल, पुलेला गोपीचंद जैसे खिलाड़ियों को जाता है। उमा ने कहा कि जब उन्होंने नब्बे के दशक में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था, तब ना यह सुविधा थी और ना ही ज्यादा खिलाड़ी इस खेल में थे। लेकिन लंदन ओलिंपिक से दृश्य बदलने लगा। झारखंड भी इससे अछूता नहीं रहा। आज राज्य के प्रत्येक जिलों में सैकड़ों युवा बैडमिंटन खेल रहे हैं।
रांची के होटवार में ही तीन सौ से अधिक बच्चे अभ्यास के लिए आते हैं। सिंधू अगर पदक जीतने में सफल रहती है तो यहां के और भी युवा इस खेल से जुड़ेंगे। यहीं नहीं, आधारभूत संरचनाओं का विकास होगा। पूर्वी क्षेत्र महिला बैडमिंटन टूर्नामेंट की पूर्व चैंपियन मनीषा रानी भी कहती है कि साइना व सिंधू को खेलते देखते हुए बड़ी हुई हूं। मेरे साथ खेलने वाले कई खिलाड़ी उन्हीं की तरह बनना चाहते हैं। टोक्यो ओलिंपिक में पीवी सिंधू अगर पदक जीतती है झारखंड में भी इसका प्रभाव देखने को मिलेगा।