Tokyo Olympics 2020: नक्सलियों की मांद से निकलीं झारखंड की बेटियों पर होंगी निगाहें, सेमीफाइल में अर्जेंटीना से मुकाबला

टोक्यो में चल रहे ओलिंपिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम ने पदक के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है। ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद भारतीय टीम का सेमिफाइनल में अर्जेनटीना के साथ मुकाबला है। झारखंड के खेलप्रेमियों की निगाहें आज टीम के साथ दोनों बेटियों पर लगी रहेंगी।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 10:36 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 06:14 AM (IST)
Tokyo Olympics 2020: नक्सलियों की मांद से निकलीं झारखंड की बेटियों पर होंगी निगाहें, सेमीफाइल में अर्जेंटीना से मुकाबला
Tokyo Olympics 2020: नक्सलियों की मांद से निकलीं झारखंड की बेटियों पर आज होंगी निगाहें। जागरण

रांची, डिजिटल डेस्क। टोक्यो में चल रहे ओलिंपिक खेलों में भारतीय महिला हॉकी टीम ने पदक के लिए अपनी दावेदारी मजबूत कर ली है। ऑस्ट्रेलिया को हराने के बाद भारतीय टीम का सेमिफाइनल में अर्जेनटीना के साथ मुकाबला है। झारखंड के खेलप्रेमियों की निगाहें आज टीम के साथ दोनों बेटियों पर लगी रहेंगी। बता दें कि इससे पहले महिला हॉकी टीम के सेमीफाइनल में पहुंचने के साथ भारत की झोली एक और पदक की उम्मीद भी बढ़ गई है।

झारखंड के घोर नक्सल प्रभावित जिले सिमडेगा व खूंटी से आने वाली दो खिलाड़ियों सलीमा टेट्टे व निक्की प्रधान के घर के गांव में जश्न मनाया गया। आज झारखंड के सवा तीन करोड़ लोगों की निगाहें इन दो खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर लगी हैं।

इससे पहले तीरंदाजी मुकाबले में रांची की बेटी विश्व तीरंदाज दीपिका कुमारी से पदक को लेकर आस थी। लेकिन वो शानदार प्रदर्शन के बावजूद पदक जीतने में असफल रहीं। बताया जा रहा है कि सलीमा टेट्टे और निक्की प्रधान ने बेहद चुनौतीपूर्ण हालात से निकलकर ओलिंपिक तक का सफर तय किया है। इन दोनों के कोच को महिला खिलाड़ियों से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। सोमवार को परिवार के लोगों की निगाहें टेलीविजन पर लगी रहीं।

हमारी बेटियां दिल आएंगी देश को सोना

भारत को सेमीफाइनल में ले जाने वाली महिला हॉकी टीम का हिस्सा सलीमा टेटे और निक्की प्रधान के पिता उनकी जीत पर काफी खुश हैं सलीमा टेटे के पिता सुलक्षण टेटे ने कहा की उनको अपनी बेटियों पर गर्व है उन्हें पूरा भरोसा है कि महिला हॉकी टीम में खेल रही उनकी सारी बेटियां भारत के लिए सोना जरूर लाएंगे उन्होंने कहा की गांव के परिवेश और अभाव में रहते हुए भी सलीमा देश का नाम जिस तरह की से रोशन किया है यह समाज के लिए एक नजीर है।

वही निक्की प्रधान के पिता ने बताया की निक्की का सफर बांस के डंडे से हॉकी खेलने से शुरू हुआ था अपने अभाव पर विजय पाकर आज निक्की देश के लिए खेल रही है मुझे पूरा यकीन है कि वह अपने खेल करियर का सबसे श्रेष्ठतम प्रदर्शन करके देश के लिए सोना लाएंगे और झारखंड का नाम रोशन करेगी।

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