रूपा तिर्की की मौत मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में मांगा जवाब, परिजनों को सुरक्षा देने का दिया निर्देश
झारखंड हाईकोर्ट में साहिबगंज की महिला थाने की प्रभारी रूपा तिर्की की मौत के मामले की सीबीआइ की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर आज सुनवाई हुई। जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए चार सप्ताह में सरकार से जवाब मांगा है।
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ में गुरुवार को साहिबगंज की पूर्व महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। वहीं, रांची एसएसपी को रूपा तिर्की के स्वजनों को पूरी सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 26 जुलाई को होगी। रूपा तिर्की के पिता दयानंद उरांव ने अपनी बेटी की मौत की सीबीआइ जांच की मांग को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
याचिका में कहा गया है कि उनकी पुत्री ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उसकी हत्या करने के बाद उसके शव को पंखे से लटका दिया गया। उन्होंने आरोप लगया है कि उनकी पुत्री की हत्या में कुछ रसूखदार लोग शामिल हैं। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि रूपा तिर्की कई महत्वपूर्ण मामलों का अनुसंधान कर रही थीं। रूपा तिर्की का शव जिस अवस्था में पाया गया था, उससे प्रतीत होता है कि यह आत्महत्या नहीं है। रूपा के पिता ने अदालत को बताया कि उन्हें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है।
वहीं आरोप लगाया कि सीबीआइ जांच की मांग करने पर उनके पूरे परिवार को चुप रहने की धमकी दी गई है। महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि पुलिस एक टीम का गठन कर इस मामले की जांच कर रही है। साथ ही यह भी कहा कि रूप के स्वजनों को कहीं से किसी प्रकार की धमकी नहीं मिली है। निष्पक्ष जांच के लिए सरकार ने झारखंड हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस वीके गुप्ता की अध्यक्षता में एक सदस्यीय आयोग का भी गठन किया है। सुनवाई के बाद अदालत ने रांची के एसएसपी को रूपा तिर्की के स्वजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।