Tabacco Ke Nuksan: झारखंड में 13 से 15 वर्ष के 5.1% किशोर करते हैं तंबाकू का सेवन

Tobacco Ke Nuksan Jharkhand News देश में 8.5 प्रतिशत किशोर किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (जीवाइटीएस-4) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। देश में तंबाकू के सेवन में 42 प्रतिशत की कमी आई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 27 Sep 2021 07:17 AM (IST) Updated:Mon, 27 Sep 2021 07:20 AM (IST)
Tabacco Ke Nuksan: झारखंड में 13 से 15 वर्ष के 5.1% किशोर करते हैं तंबाकू का सेवन
Tobacco Ke Nuksan, Jharkhand News देश में 8.5 प्रतिशत किशोर किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड में 13 से 15 वर्ष आयु वर्ग के 5.1 प्रतिशत किशोर किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। हालांकि पिछले एक दशक में तंबाकू के सेवन में काफी कमी आई है। साथ ही कई राज्यों की तुलना में झारखंड की स्थिति काफी बेहतर हुई है। वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (जीवाइटीएस-4) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

इस सर्वेक्षण के अनुसार, झारखंड तंबाकू के सेवन (13-15 वर्ष) में देश भर के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में 22वें स्थान पर है। पूरे देश की बात करें, तो युवाओं के बीच तंबाकू की खपत में गिरावट देखी गई है। सर्वेक्षण के निष्कर्ष बताते हैं कि वर्तमान में भारत में 13 से 15 वर्ष की उम्र के 8.5 प्रतिशत किशोर किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।

वर्ष 2009 में यह दर 14.6 प्रतिशत थी। भारत में कुल 9.6 प्रतिशत लड़के और 7.4 प्रतिशत लड़कियां किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं। पिछले दशक में स्कूल जाने वाले 13-15 साल के किशोरों के बीच तंबाकू सेवन में 42 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस सर्वेक्षण में यह पाया गया है कि हिमाचल प्रदेश में सबसे कम तंबाकू का सेवन 1.1 प्रतिशत है और अरुणाचल प्रदेश और मिजोरम के किशोर सबसे अधिक तंबाकू का सेवन करते है। वहां पर 13-15 वर्ष की आयु के 57.9 प्रतिशत किशोर तंबाकू का सेवन करते हैं।

मंत्री आज करेंगे झारखंड के आंकड़ों का विमोचन

स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सोमवार को नामकुम स्थित इंस्टीट्यूट आफ पब्लिक हेल्थ के सभागार में वैश्विक युवा तंबाकू सर्वेक्षण (जीवाईटीएस-4) से संबंधित झारखंड के आंकड़ों का विमोचन करेंगे। स्वास्थ्य विभाग के राज्य तंबाकू नियंत्रण कोषांग एवं सीड्स संस्था द्वारा इसे लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

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