रांची में हर दिन 3 लोग हो रहे साइबर अपराध के शिकार, ऐसे बचें Cyber Crime से

Jharkhand. राजधारी रांची में क्लोन चेक बिना एटीएम पिन पूछे रुपये निकासी के मामले सामने आ रहे हैं। बैंक से डाटा की चोरी कर क्लोन चेक तैयार किया जा रहा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 21 Jan 2020 03:38 PM (IST) Updated:Tue, 21 Jan 2020 03:38 PM (IST)
रांची में हर दिन 3 लोग हो रहे साइबर अपराध के शिकार, ऐसे बचें Cyber Crime से
रांची में हर दिन 3 लोग हो रहे साइबर अपराध के शिकार, ऐसे बचें Cyber Crime से

खास बातें

2 लाख से ज्यादा की ठगी के मामलों में 28 एफआइआर साइबर थाने में दर्ज 371 मामले दर्ज हुए हैैं जिले के अलग-अलग थानों में  1333 साइबर क्राइम के मामले पहुंचे हैैं एक साल में

रांची, [फहीम अख्तर]। साइबर अपराधियों ने ऑनलाइन लूट मचा रखी है। हर दिन तीन को अपना शिकार बना चूना लगा रहे हैं। वर्ष 2019 में साइबर क्राइम के 1333 मामले सामने आए हैं। रांची के साइबर थाने में जनवरी 2019 से लेकर दिसंबर तक में 934 मामले पहुंचे। ये मामले राज्यभर से ऑनलाइन इंवेस्टिगेशन को-ऑपरेशन रिक्वेस्ट पोर्टल के माध्यम से पहुंचे हैं। जबकि साइबर थाने में दो लाख से ज्यादा के ठगी के मामलों में 28 एफआइआर दर्ज की गईं हैैं।

खाते से पैसे उड़ाने के लिए अपना रहे हथकंडे

साइबर अपराधी खाते से पैसे उड़ाने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैैं। कभी चेक क्लोंनिंग, यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) फ्रॉड, एटीएम क्लोनिंग, पिन पूछकर खाते से निकासी, क्रेडिट मैसेज भेजकर फ्रॉड, एनी डेस्क ऐप डाउनलोड करवा रिमोट कंट्रोल से रुपये उड़ाए जा रहे हैं। ऐसे मामले हर दिन रांची के साइबर थाने, साइबर सेल सहित अन्य थानों में पहुंच रहे हैं।

क्लोनिंग का चल रहा खेल

राजधानी रांची में इन दिनों एटीएम क्लोनिंग और क्लोन चेक से रुपये की निकासी तेज हो गई है। इस वजह से अब बिना एटीएम पिन पूछे निकासी के मामले भी बढ़ गए हैं। दरअसल साइबर अपराधी एटीएम में स्किमर लगाकर एटीएम का डाटा चोरी करते हैं। इसके बाद खाते से रुपये उड़ाए जाते हैं। इसी तरह बैंक व टेलिकम कंपनी की मिलीभगत से चेक क्लोन कर रुपये उड़ाए जा रहे हैं। बैंक से डाटा की चोरी कर क्लोन चेक तैयार किया जा रहा है। राजधानी में ऐसे कई मामले सामने आए हैं।

क्लोन चेक के मामले 27 नवंबर 2019 : चडरी निवासी ठेकेदार चंद्रकांत कुमार के खाते से क्लोन चेक तैयार कर 9.80 लाख रुपये की निकासी कर ली गई। मामले में छह आरोपितों को पुलिस ने जेल भेजा था। पुलिस की जांच में पता चला कि बैंक की छपाई मशीन से ही क्लोन चेक निकलता है। बैंककर्मियों की मिलीभगत से एसएमएस अलर्ट नंबर बदल दिए जाते हैं। इसमें बीएसएनएल के नंबर पर हेरफेर अधिक चल रही है। नंबर बंद करवाते हुए दूसरा नंबर तक इशु कर दिए जा रहे हैं। 25 मई 2019 : जेएन कॉलेज धुर्वा के एकाउंट से क्लोन चेक तैयार कर 14 लाख 33 हजार रुपये की अवैध निकासी कर ली गई थी। ऐसे चेक से निकासी की गई थी, जिसका चेक कॉलेज प्रबंधन के पास मौजूद था। 27 मार्च 2019 : एकलव्य प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड  की एमडी कांति सिंह के खाते से 14.90 लाख रुपये की निकासी कर ली गई। इसे लेकर अरगोड़ा थाने में कांति कुमारी ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। जनवरी 2018 : कोकर औद्योगिक क्षेत्र के स्पीडो प्रिंटर्स के खाते से क्लोन चेक के माध्यम से 1.52 लाख रुपये की निकासी कर ली गई थी।

खाते से रुपये उड़ाने के मामले 16 जनवरी 2020 को रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के रिटायर्ड डायरेक्टर संजय सिन्हा के खाते से 1.17 लाख रुपये उड़ा लिया गया। डोरंडा साउथ ऑफिस पाड़ा निवासी सत्यनारायण अग्रवाल को साइबर ठगों ने अपना शिकार बनाया। 70 वर्षीय सत्यनारायण से ठग ने ओटीपी नंबर पूछताछ उनके खाते से 3.50 लाख की ठगी कर ली। हटिया के रहने वाले सुमन कुमार से फेसबुक पर दोस्ती कर 70 लाख रुपये ठगी किए जाने का मामला दर्ज है। मामले में अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। 08 सितंबर रातू निवासी पंचू उरांव का एटीएम बदल 1.84 लाख रुपये की निकासी कर ली गई। मामले में अपराधियों का कोई पता नहीं चल सका। 06 अक्टूबर को लघु सिंचाई विभाग के रिटायर्ड कर्मी के खाते से 3.50 लाख रुपये की निकासी कर ली गई, लेकिन अपराधियों की कोई जानकारी नहीं मिल सकी है।

एटीएम फ्रॉड से ऐसे बचें अपने एटीएम कार्ड का पिन नंबर को कहीं भी न लिखें, इसका जिक्र भी किसी से न करें, बैंक के अधिकारियों से भी नहीं। याद रखें, बैंक के अधिकारी कभी आपके बैंक से संबंधित कोई गोपनीय जानकारी नहीं पूछते। जितनी बार सुविधाजनक हो सके अपने पिन नंबर बदलते रहे। एटीएम कार्ड का उपयोग करते समय या अपने पैसे को संभालने के लिए अजनबियों से सहायता न लें। नशे में एटीएम कार्ड का उपयोग कभी न करे। एटीएम कार्ड को अपने मोबाइल नंबर से लिंक करवा ले ताकि कोई भी लेन-देन का हिसाब आपको मैसेज के द्वारा तुरंत प्राप्त हो सके। कार्ड का इस्तेमाल करते वक्त जब तक लेन-देन पूरा न हो जाये अपना ध्यान भंग न करे। वैसे एटीएम मशीन का उपयोग करें जो बैंक परिसर के भीतर हो, या सुरक्षा गार्ड द्वारा 24 घंटे प्रबंधन किया जाता हो। एटीएम मशीन का इस्तेमाल करने के बाद आखिर में क्लियर या कैंसल बटन दबाना कभी न भूले। किसी भी तरह की अप्रिय घटना को तुरंत बैंक प्रबंधक या डायल 100 कर पुलिस को सुचना दे। वैसे एटीएम का उपयोग न करें जहां कार्ड रीडर टूटा, खरोंचा, क्षतिग्रस्त किया हुआ, तिनका/तार घुसाया हुआ हो, गोंद के साथ चिपकाया हुआ या कार्ड स्लॉट में कार्ड डालने में कठिनाई हो। ये स्किमिंग मशीन के संकेत हो सकते हैं।

ऐसे बचें यूपीआइ फ्रॉड से कोडेड मैसेज शेयर करने पर आप तुरंत ठगी के शिकार हो सकते हैं। इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए किसी भी स्रोत से आने वाले कोडेड मैसेज को कतई फॉरवर्ड न करें, ऐसा करने से आप तुरंत ठगे जा सकते हैं। इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए कोई भी ऑनलाइन या मैसेज से प्राप्त लिंक या नंबर को कतई फॉरवर्ड न करें ऐसा करने से आप तुरंत ठगी के शिकार हो सकते हैं।

 'साइबर अपराधियों के शिकार होने से बचने के लिए सतर्कता और जागरुकता की जरूरत है। कभी भी अपना बैंक डिटेल्स शेयर नहीं करें। कॉल आने या खाते से अवैध निकासी पर तुरंत पुलिस से संपर्क करें।' -सुमित प्रसाद, डीएसपी सह थाना प्रभारी साइबर क्राइम थाना रांची।

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