Ranchi Crime: सागर वर्मा हत्या कांड में तीन आरोपित गिरफ्तार

Ranchi Crime तुपुदाना ओपी क्षेत्र का 20 वर्षीय युवक सागर वर्मा की विश्वकर्मा पूजा की रात पांच दोस्तों ने मिलकर हत्या कर दी थी। तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में तुपुदाना ओपी में मामला दर्ज किया गया था।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 01:32 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 01:32 PM (IST)
Ranchi Crime: सागर वर्मा हत्या कांड में तीन आरोपित गिरफ्तार
हत्या मामले में तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

तुपुदाना(रांची),जासं। तुपुदाना ओपी क्षेत्र का 20 वर्षीय युवक सागर वर्मा की विश्वकर्मा पूजा की रात पांच दोस्तों ने मिलकर हत्या कर दी थी। तीन आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में तुपुदाना ओपी में मामला दर्ज किया गया था। मृतक के पिता अशोक राम ने अपने आवेदन में लिखा था कि उसके पुत्र को फोन कर बुलाया गया था। काफी देर बाद नहीं आने पर उसने जब फोन किया तो सागर बोला कि थोड़ी देर में आ रहे हैं। दोस्तों के साथ हैं। आधे घंटे बाद फिर फोन करने पर उसके किसी दोस्त ने उठाया। उसने कहा कि उसका एक्सीडेंट हो गया है, हम लोग हॉस्पिटल लेकर आए हैं। आप लोग हॉस्पिटल पहुंचिए।

हटिया स्थित हॉस्पिटल में जब स्वजन पहुंचे तो वहां पर उसका शरीर पड़ा था। परिजन तुरंत सागर वर्मा को लेकर रिम्स जा रहे थे। रास्ते में ही उसकी मौत हो चुकी थी। इस मामले में पुलिस ने तीन युवकों जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के नीचे हटिया निवासी विकास ओबरिया निवासी छोटू और पलामू के पांकी निवासी अविनाश को हिरासत में लिया था। एक आरोपित गुलशन के माता पिता को मृतक के परिजनों ने पकड़कर पुलिस को सौंपा। मृतक सागर वर्मा के परिजनों ने अपने स्तर से प्रयास कर मुख्य आरोपित सिंटू शर्मा के माता-पिता को पकड़कर तुपुदाना ओपी लाया। उसके परिजनों ने सिंटू शर्मा को थाना के हवाले कर दिया।

हत्या के आरोपी ने किया सरेंडर

रनिया (खूंटी) ।  रनिया थाना क्षेत्र के गांव किसुनपुर में प्रभुदान हेमरोम की हत्या के मामले में दो आरोपितों ने न्यायालय में 18 सितंबर को आत्मसमर्पण कर दिया। प्रभुदान की हत्या धारदार हथियार से मारकर किशुनपुर गांव में 8 सितंबर की रात किशुनपुर के ही मनु खान और छुनु डहंगा ने कर दी थी। दोनों युवकों के विरुद्ध रनिया थाना में 9 सितंबर को मामला दर्ज कराया गया था। मामला दर्ज होने के बाद रनिया पुलिस लगातार दोनों आरोपितों की धर पकड़ को लेकर अभियान चला रही थी। पुलिस की बढ़ती दबिश को देखते हुए दोनों आरोपितों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया।

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