मिड डे मील के बैंक खातों में होगा जीरो बैलेंस, बची हुई राशि राज्य स्तरीय बैंक में जमा करने का आदेश

Jharkhand MDM News झारखंड के सभी जिलों को 20 जून तक पूरी राशि राज्य स्तरीय बैंक में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। समग्र शिक्षा अभियान में पहले से आदेश है। यह सभी केंद्रीय योजनाओं में लागू होगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 04:45 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 04:49 PM (IST)
मिड डे मील के बैंक खातों में होगा जीरो बैलेंस, बची हुई राशि राज्य स्तरीय बैंक में जमा करने का आदेश
सभी जिलों को 20 जून तक पूरी राशि राज्य स्तरीय बैंक में जमा करने के निर्देश दिए गए हैं।

रांची, राज्य ब्यूरो। समग्र शिक्षा अभियान के साथ-साथ मिड डे मील के लिए भी स्कूलों के बैंक खाते में एक जुलाई से जीरो बैलेंस होगा। झारखंड मध्याह्न भाेजन प्राधिकरण के निदेशक डाॅ. शैलेश कुमार चौरसिया ने इस संबंध में मंगलवार को सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को आदेश जारी कर दिया है। समग्र शिक्षा अभियान के विभिन्न कार्यक्रमों के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद ने यह आदेश पहले ही जारी कर दिया है। केंद्र के निर्देश पर यह नई व्यवस्था सभी केंद्रीय योजनाओं में लागू किया जाना है।

झारखंड मध्याह्न शिक्षा प्राधिकरण ने सभी सरकारी स्कूलों के मिड डे मील के बैंक खातों में शून्य बैलेंस करने तथा प्रत्येक स्कूलों में एक ही बैंक खाता रखने का आदेश जारी किया है। इसके तहत सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को सभी स्कूलों से बैंक खातों में बची हुई राशि लेकर 20 जून तक प्राधिकरण के बैंक खाते में जमा करने को कहा है। बता दें कि केंद्र ने केंद्रीय योजनाओं के लिए राज्य स्तर पर एक बैंक खाता रखने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत मिड डे मील के लिए स्कूलाें, सरस्वती वाहिनी, ग्राम शिक्षा समिति आदि के पास एक ही बैंक खाता होगा जिसमें शून्य बैलेंस होगा।

उसमें राशि नहीं होगी। अब प्राधिकरण द्वारा सभी स्कूलों एवं अन्य एजेंसियों को आवंटन आधारित राशि की निकासी के लिए प्राधिकार निर्गत किए जाएंगे। इसके अधीन विभिन्न स्तरों पर स्कूल एवं अन्य एजेंसियां आवश्यकतानुसार राज्य कार्यालय के बैंक खाते के माध्यम से वास्तविक राशि की निकासी कर सकेंगे। इससे उनके बैंक खाते में शून्य बैलेंस बना रहेगा।

इधर, प्राधिकरण ने अपने निर्देश में कहा है कि राशि वापस लेने में यदि किसी भी स्तर पर फर्जी निकासी अथवा अग्रिम के विरुद्ध उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं होता है तो वैसे सभी संबंधित के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए राशि की वसूली की जाए। यह भी कहा गया है कि शून्य बैलेंस के आदेश जारी होने से लेकर राशि वापस होने तक विभिन्न स्तरों पर किए गए निकासी एवं खर्च की चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट कराया जाए।

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