Omicron : ओड‍िशा में व‍िदेश से लौटने वाले 246 लोगों के कोरोना पाज‍िट‍िव म‍िलने के बाद झारखंड में भी हड़कंप

झारखंड में जीनोम स‍िक्‍वेंस‍िंंग मशीन नहीं है। राज्‍य पूरी तरह से इस जांच के ल‍िए ओड‍िशा पर ही न‍िर्भर है। वहां से जांच र‍िपोर्ट आने में काफी देर हो जाती है। ऐसे में कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा बढ़ता जा रहा है। झारखंड में 127 लोग व‍िदेश से लौटे हैं।

By M EkhlaqueEdited By: Publish:Tue, 07 Dec 2021 06:34 PM (IST) Updated:Tue, 07 Dec 2021 06:34 PM (IST)
Omicron : ओड‍िशा में व‍िदेश से लौटने वाले 246 लोगों के कोरोना पाज‍िट‍िव म‍िलने के बाद झारखंड में भी हड़कंप
इस समय झारखंड में व‍िदेश से 127 लोग लौटे हैं। जागरण

रांची, (ड‍िज‍िटल डेस्‍क) : पड़ोसी राज्‍य ओड‍िशा में 24 नवंबर से सात द‍िसंबर तक व‍िदेश से लौटे 800 लोगों में 246 लोग कोरोना पाज‍िट‍िव पाए गए हैं। इस सूचना ने झारखंड की भी च‍िंंता बढ़ा दी है। यहां भी इस समय व‍िदेश से 127 लोग लौटे हैं। इन सभी की पहचान की कवायद जारी है। ये यात्री जोख‍िम वाले देशों से लौटे हैं। झारखंड की परेशानी यह है क‍ि यहां जीनोम स‍िक्‍वेंस‍िंंग की सुव‍िधा नहीं है। झारखंड का स्‍वास्‍थ्‍य व‍िभाग पूरी तरह से पड़ोसी राज्‍य ओड‍िशा पर ही जांच के ल‍िए न‍िर्भर है। यहां से नमूने जांच के ल‍िए ओड‍िशा की राजधानी भुवनेश्‍वर भेजे जाते हैं। वहां से जांच र‍िपोर्ट काफी व‍िलंब से आती है। समय पर कोरोना के इस नए वैर‍िएंट ओमिक्रोन की पहचान नहीं होने से संक्रमण काफी तेजी से बढ़ सकता है।

झारखंड में नहीं लगी है जीनोम स‍िक्‍वेंस‍िंंग मशीन

झारखंड में पिछले माह जो 127 यात्री लौटे हैं उनमें दक्षिणी अफ्रीका सहित 12 अति जोखिम वाले देशों से हैं। केंद्र सरकार से इनकी सूची प्राप्‍त होने के बाद झारखंड सरकार ने इन्‍हें खोजकर आरटी-पीसीआर जांच कराने का निर्देश संबंधित जिलों के डीसी को द‍िया था। आरटी-पीसीआर में पाजिटिव आने पर सैंपल की जोनोम स‍िक्‍वेंस‍िंंग कराने की योजना है, ताकि पता चल सके कि संबंधित व्‍यक्‍त‍ि में वायरस ओमिक्रोन तो नहीं है। इधर, आलम यह है क‍ि झारखंड में ओमिक्रोन की पहचान के ल‍िए कोई पर्याप्त व्यवस्था ही नहीं है। यहां अबतक जीनोम स‍िक्‍वेंस‍िंंग मशीन नहीं लगी है। इस कारण सैंपल ओड‍िशा की राजधानी भुवनेश्‍वर स्थित लैब भेजने की मजबूरी है।

सभी ज‍िलों के डीसी को सरकार ने तैयार रहने को कहा

हालांक‍ि, झारखंड सरकार ने राजधानी रांची स्थित राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान में जीनोम स‍िक्‍वेंस‍िंंग मशीन मशीन लगाने की मंजूरी दी है। एसडीआरएफ मद से यह मशीन खरीदी जाएगी। लेक‍िन इस द‍िशा में अभी बुन‍ियादी पहल भी शुरू नहीं हुई है। इसके ल‍िए अबतक टेंडर प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई है। उधर, झारखंड सरकार ने सभी डीसी को ओमिक्रोन से बचाव के ल‍िए सभी जरूरी तैयारियां रखने का निर्देश द‍िया है। इनमें आवश्यकता के अनुसार बेड, दवा, आक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना आदि शामिल है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर अगस्त में जारी दिशा-निर्देश का अनुपालन करने को कहा गया है।

झारखंड में 72 पीएसए प्लांट तैयार, 20 अभी भी लंबित

मालूम हो क‍ि झारखंड में 72 अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में पीएसए प्लांट स्थापित हो चुका है। इनमें से 38 पीएम केयर फंड तथा 34 राज्य फंड से लगाए गए हैं। झारखंड के 20 स्वास्थ्य केंद्रों में यह अभी भी नहीं लगा है। यह च‍िंंता की बात है। हालांकि जिन अस्पतालों में पीएसए प्लांट लग चुके हैं, वहां यह भी देखना महत्वपूर्ण है कि कितने में प्लांट मेनीफोल्ड से जोड़े जा चुके हैं तथा बेड तक आक्सीजन की आपूर्ति शुरू हो चुकी है। आक्सीजन की उपलब्धता को लेकर निजी अस्पताल अभी भी लापरवाह हैं। राज्य सरकार ने 50 या इससे अधिक बेड वाले सभी निजी अस्पतालों को अनिवार्य रूप से पीएसए प्लांट लगाने के निर्देश दिए थे। इन निर्देश का अनुपालन अधिसंख्य निजी अस्पतालों ने अभी तक नहीं किया है।

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