लॉकर से चोरी होना बैंक की सेवा में कमी, उपभोक्ता कर सकते मुआवजे की मांग

उपभोक्ता मामलों के जानकार अधिवक्ता रूपेश सिंह का कहना है कि बैंक के लॉकर में रखे सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की है। अगर सामान चोरी होता है तो यह बैंक की सेवा में कमी का मामला है। पीड़ित उपभोक्ता फोरम में इसके खिलाफ शिकायत कर सकता है।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 01:27 PM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 01:27 PM (IST)
लॉकर से चोरी होना बैंक की सेवा में कमी, उपभोक्ता कर सकते मुआवजे की मांग
लॉकर से चोरी होने पर उपभोक्ता मुआवजे की मांग कर सकते हैं।

रांंची, जासं। पलामू के धर्मशाला रोड स्थित पंजाब नेशनल बैंक के लाकर से कई ग्राहकों के आभूषण चोरी हो गए। इसके बाद से लॉकर की सुरक्षा को लेकर कई सवाए खड़े हुए हैं। उपभोक्ता मामलों के जानकार अधिवक्ता रूपेश सिंह का कहना है कि बैंक के लॉकर में रखे सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की है। अगर सामान चोरी होता है, तो यह बैंक की सेवा में कमी का मामला बनता है। ऐसे में पीड़ित उपभोक्ता फोरम में इसके खिलाफ शिकायत कर सकता है। इसके अलावा उसे आरबीआइ की गाइडलाइन और आपराधिक मामला कोर्ट में सिद्ध होने पर भी मुआवजा मिल सकता है।

राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता आशुतोष आनंद ने कहा कि यह बैंक की सेवा में कमी का मामला है और उपभोक्ता फोरम में शिकायत करने पर उन्हें उक्त चीज की कीमत सहित अन्य तरह के जोखिमों का मुआवजा मिलेगा। चोरी की जांच का मामला अलग से चलता रहेगा। इस पर हाईकोर्ट के अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने बैंक लॉकर को लेकर आरबीआइ को गाइडलाइन बनाने का निर्देश दिया है। जिसमें आपदा को छोड़कर सामान्य परिस्थितियों में उपभोक्ता को क्षति होने पर मुआवजा देने का प्रविधान बनाने को कहा है। हालांकि अभी इस गाइडलाइन को वर्ष 2022 तक बनाना है और जनवरी 2023 में लॉकर को लेकर नई गाइडलाइन जारी करनी है। जिसमें लॉकर खुलने पर एसएमएस जैसी सुविधा देने की बात कही गई है।

अभी ये है नियम

लोग आमतौर पर अपने कीमती सामान, ज्वेलरी, मकान या दुकान के कागजात को सुरक्षित रखने के लिए बैंक के लॉकर में रख देते हैं। ग्राहक को लॉकर देने के एवज में बैंकों के द्वारा हर वर्ष एक तय फीस ली जाती है। इसका भुगतान ग्राहक बैंक में लॉकर से जुड़े बचत या चालू खाता से करते हैं। हर वर्ष ग्राहक के एकाउंट से ये राशि आटो डेबिट होती है। मगर अभी तक देश में बैंक के लाकर में रखे सामान, ज्वेलरी या किसी अन्य सामान के चोरी हो जाने पर कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है। बैंक लाकर में रखे किसी सामान की जिम्मेदारी नहीं लेता है।

अगले वर्ष मिलेगा मुआवजा

वित्त मामलों के जानकार और फाइनेंस एक्सपर्ट विनय अग्रवाल बताते हैं कि देश में वर्षों से ऐसी व्यवस्था चली आ रही है। ऐसे में ग्राहक बैंक पर पूरी तरह से भरोसा नहीं कर पा रहे थे। कई मामलों को ग्राहकों को बड़ा और भारी नुकसान भी उठाना पड़ा है। ऐसे में ग्राहकों को सुरक्षा देने के लिहाज से देश के शीर्ष बैंक रिजर्व बैंक आफ इंडिया अगले वर्ष से देश के बैंकों के लिए नए दिशा निर्देश जारी किया है। ये दिशा निर्देश एक जनवरी 2022 से लागू होंगे। इसके तहत बैंक में आग लगने, चोरी या डकैती होने और लाकर में रखी वस्तुओं को नुकसान पहुंचने पर बैंक की जवाबदेही पहले से तय होगी। बैंक को ऐसी स्थिति में अपने ग्राहक को वार्षिक फीस का सौ गुणा तक हर्जाना देना होगा।

एक्ट आफ गॉड में नहीं मिलेगा मुआवजा

बैंक ने अपनी गाइडलाइन में एक्ट आफ गॉड को मुआवजे की राशि प्रविधान से अलग रखा है। इसके तहत भूकंप, बाढ़, आकाशीय बिजली या आंधी तूफान के मामले में बैंक किसी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होंगे। इसके लिए उनकी कोई देनदारी नहीं बनेगी। शीर्ष बैंक ने अपने प्रविधान में इस बात को भी शामिल किया है कि ग्राहक किसी भी स्थिति में खतरनाक या गैर कानूनी सामान को अपने लॉकर में नहीं रख सकेंगे। इसके साथ ही बैंकों को वार्षिक फीस नहीं देने पर ग्राहक के लॉकर को खोलने का भी अधिकार होगा।

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