बरसात खत्म हो गई लेकिन टेंडर के पेंच में फंसी रह गई सफाई कर्मियों की बरसाती
बरसात तकरीबन बीत गई है। अब रांची नगर निगम अपने सफाई कर्मियों को रेन कोट नहीं दिया।
जागरण संवाददाता, रांची : बरसात तकरीबन बीत गई है। अब रांची नगर निगम अपने सफाई कर्मियों को रेनकोट यानि बरसाती देने के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर पाया है। जिस कंपनी का चयन हुआ है वो अब दिल्ली से रेन कोट मंगा रही है। दुर्गापूजा के बाद सफाई कर्मियों को बरसाती बांटी जाएगी। बरसात में सफाई कर्मियों ने भीग कर कचरा उठाने का काम किया है। इससे कई सफाई कर्मियों की तबीयत खराब हुई। उन्हें बुखार आया। कई सफाई कर्मियों ने रांची नगर निगम के अधिकारियों से जल्द रेन कोट देने की गुहार लगाई मगर, किसी ने नहीं सुनी।
रेन कोट क्रय करने के लिए रांची नगर निगम ने जुलाई माह में टेंडर निकाला था। कंपनी के चयन से लेकर प्रक्रिया को पूरी हो में सितंबर माह आ गया। अभी तक रेन कोट नहीं आ पाया है। निगम के लगभग 4000 सफाईकर्मी बरसात में भीग कर काम कर रहे हैें। सफाईकर्मियों को बरसाती जूते तक नहीं दिए गए हैं। कई सफाई कर्मियों ने बरसात से बचने के लिए अपने पैसे से रेन कोट खरीद लिए हैं। रेन कोट नहीं मिलने से सफाई कर्मियों में नाराजगी है। नगर निगम एक साल के लिए करीब 4000नायलान के रेनकोट खरीद रहा है। एक रेनकोट की कीमत 450 रुपए के करीब पड़ रही है।
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पिछले साल भी नहीं मिला था रेनकोट
वार्ड नंबर 26 के पार्षद अरूण झा ने बताया कि नगर निगम ने सफाईकर्मियों को पिछले साल भी रेनकोट नहीं दिया है। बरसात में सफाईकर्मी पीपीई किट पहनकर कचरा उठा रहे हैं। निगम ने कोरोना की दूसरी लहर में सफाईकर्मियों को पीपीई किट दी थी। वहीं वार्ड-25 के पार्षद अर्जुन राम ने बताया कि उनके वार्ड में काम पर आने वाले सफाईकर्मियों के पास रेनकोट नहीं है। ये लोग भीग कर कचरा उठा रहे हैं।