कोरोना काल में 60 हजार तक पहुंची सिविल कोर्ट में लंबित केसों की संख्या

राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन छह सितंबर से 11 सितंबर तक होगा।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Aug 2021 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 13 Aug 2021 08:30 AM (IST)
कोरोना काल में 60 हजार तक पहुंची सिविल कोर्ट में लंबित केसों की संख्या
कोरोना काल में 60 हजार तक पहुंची सिविल कोर्ट में लंबित केसों की संख्या

जागरण संवाददाता, रांची: राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन छह सितंबर से 11 सितंबर तक होगा। गुरुवार को सिविल कोर्ट परिसर में लोक अदालत के पोस्टर का लोकार्पण किया गया। पोस्टर का लोकार्पण करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी फहीम किरमानी ने कहा कि कोई भी ऐसा सेक्टर नहीं है जो कोरोना काल में प्रभावित नहीं हुआ है। न्यायालय भी इससे अछूता नहीं है। ऑनलाइन सुनवाई हो रही है जिसमें सिर्फ आवश्यक मामले ही सुने जा रहे हैं जबकि नए केसों की फाइलिग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में रांची सिविल कोर्ट में पेंडिग केसों की संख्या करीब 60 हजार तक पहुंच गई है। केस का ट्रायल नहीं होने से जहां आमलोग परेशान हैं वही न्यायालय पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। इस स्थिति में त्वरित न्याय के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत बेहतर उपाय है।

मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि छोटे-मोटे सुलहनीय प्रकृति के मामले लोक अदालत में निष्पादित हो जाते हैं तो अदालत को गंभीर मामलों की सुनवाई के लिए ज्यादा समय मिलेगा। बार एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष अमर कुमार ने कहा कि कोरोना काल में केसों के पेंडिग रहने से मुवक्किल और अधिवक्ता दोनों परेशान हैं। ऐसे में लोक अदालत काफी प्रभावी है। मौके पर डालसा सेक्रेटरी अभिषेक कुमार, सिविल कोर्ट के रजिस्ट्रार मनीष कुमार सिंह, न्यायिक दंडाधिकारी कुमार विपुल सहित कई न्यायिक दंडाधिकारी उपस्थित थे। चेक बाउंस के नौ हजार मामले, दो लाख के लिए विवाद के दो हजार मामले: डालसा सचिव अभिषेक कुमार ने कहा कि लोक अदालत में निपटारे के लिए 20 हजार मामलों का चयन किया गया है। अब तक सात हजार पक्षकारों को नोटिस भेजा जा चुका है। अगले सप्ताह तक सभी 20 हजार पक्षकारों को नोटिस भेज दिया जाएगा। सिविल कोर्ट में चेक बाउंस के नौ हजार मामले हैं जिनमें से दो हजार मामले दो लाख रुपये और उससे कम के लिए विवाद वाले हैं। लोक अदालत में इन विवादों का निपटारा किया जाएगा। लोक अदालत में इन मामलों की होगी सुनवाई : चेक बाउंस, बिजली से संबंधित, वन विभाग, उत्पाद अधिनियम के वाद, श्रम वाद एवं न्यूनतम मजदूरी, बैंक ऋण, मोटरयान दुर्घटना मुआवजा, भू अधिग्रहण, पारिवारिक विवाद, सभी प्रकार के दीवानी मामले, सुलहनीय प्रकृति के फौजदारी मामले, राजस्व संबंधित मामले, माप-तौल, रेलवे, ट्रैफिक से जुड़े वाद आदि।

न्यायालय परिसर से प्रचार रथ रवाना : मौके पर सिविल कोर्ट परिसर से प्रचार रथ रवाना किया गया। ये रथ गांव-गांव में घूमकर लोगों को राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर जागरूक करेगा। लोगों को वैधानिक अधिकार की जानकारी दी जाएगी।

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