मसानजोर डैम विवाद सुलझाने में क्या कदम उठा रही सरकार, 29 तक दाखिल करें जवाब : हाई कोर्ट

जासं रांची झारखंड हाई कोर्ट ने मसानजोर डैम विवाद सुलझाने में राज्य सरकार की लेटलती

By JagranEdited By: Publish:Sat, 16 Jan 2021 09:00 AM (IST) Updated:Sat, 16 Jan 2021 09:00 AM (IST)
मसानजोर डैम विवाद सुलझाने में क्या कदम उठा रही सरकार, 29 तक दाखिल करें जवाब : हाई कोर्ट
मसानजोर डैम विवाद सुलझाने में क्या कदम उठा रही सरकार, 29 तक दाखिल करें जवाब : हाई कोर्ट

जासं, रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने मसानजोर डैम विवाद सुलझाने में राज्य सरकार की लेटलतीफी पर नाराजगी जाहिर की है। शुक्रवार को गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने मसानजोर डैम विवाद सुलझाने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से हुई बातचीत का ब्योरा नहीं देने पर नाराजगी जाहिर की। कहा कि एक साल पहले ही सरकार को इस मामले में जवाब दाखिल करने को कहा गया था लेकिन राज्य सरकार ने अभी तक जवाब दाखिल नहीं किया। अदालत ने सरकार को अंतिम मौका देते हुए 29 जनवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

मसानजोर डैम से झारखंड को कितना मिलता है पानी

याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार से मसानजोरडैम से झारखंड को कितना पानी मिलता है इसकी जानकारी देने को कहा। साथ ही, यह भी पूछा है कि बंगाल सरकार के साथ चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए किस स्तर पर बातचीत हो रही है। इसकी पूरी जानकारी दें। याचिकाकर्ता का तर्क

विवाद खत्म हो जाए तो नहीं होगी सिंचाई की परेशानी : याचिकाकर्ता की ओर से अदालत से कहा गया है कि अगर मसानजोरडैम का विवाद खत्म हो जाएगा तो झारखंड के संथालपरगना के कई जिलों में सिचाई की समस्या खत्म हो सकती है। डैम के निर्माण में अधिकांश जमीन झारखंड सरकार का इस्तेमाल किया गया है। इसलिए पानी भी झारखंड को अधिक मिलने का समझौता हुआ है। लेकिन बंगाल सरकार इस समझौते का पालन नहीं कर रही है। पूर्व में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने झारखंड और बंगाल सरकार को इस विवाद का हल निकालने का निर्देश दिया था और वार्ता करने का निर्देश दिया था। लेकिन झारखंड सरकार की ओर से अभी तक इस मामले में शपथपत्र दाखिल कर नहीं बताया गया है कि वार्ता के बाद क्या नतीजा निकला।

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गेस्ट हाउस की बदहाली पर खिन्न दिखे चीफ जस्टिस

याचिका पर सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने मसानजोर डैम के समीप बने झारखंड सरकार के गेस्ट हाउस की बदहाली पर खिन्नता जाहिर की। मौखिक टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि जब वह चीफ जस्टिस की हैसियत से मसानजोर गए थे तो उन्हें बंगाल सरकार के गेस्ट हाउस में ठहराया गया। उस समय झारखंड के गेस्ट हाउस की हालत जर्जर और बदहाल थी। यह समझ नहीं सका कि आखिर सरकार की क्या मजबूरी थी, जो उन्हें बंगाल सरकार के गेस्ट हाउस में ठहराया गया।

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