चान्हो के होन्हे व लुरंगी गाव में नील गाय का आतंक
चान्हो प्रखंड में हाथी के आतंक के बाद अब जंगल से सटे किसानों को नील गाय से परेशान हैं।
चान्हो : चान्हो प्रखंड में हाथी के आतंक के बाद अब जंगल से सटे किसानों को नील गाय से परेशानी हो रही है। यहा पंडरी पंचायत के होन्हे व लुरंगी सहित इसके जंगल से सटे गाव के किसान की फसल नील गाय चट कर जा रही हैं। यहा के किसानों बताते हैं कि शाम ढलते ही एक दर्जन से अधिक नील गाय जंगल से खेतों में पहुंच जाती हैं और पूरी रात फसल को नुकसान पहुंचाती हैं। नीलगाय करीब एक महीने से यहा फसल को चट कर रही हैं। गाव के समुंद महतो, लालदेव महतो, रामदेव महतो, बुधु मुंडा, श्यामदेव महतो, अनिल उराव, सुगी देवी, शकर महतो सहित कई अन्य किसानों ने बताते हैं कि नील गाय रात को खेतों में आते हैं और उन्हें जो भी फसल मिलती है उसे खा जाते हैं। इतना ही नही खाने के अलावा उनके पैरों के नीचे पड़ी फसल भी बर्बाद हो जाती हैं। अब किसान अपनी फसल की रखवाली के लिए वहा कुछ जुगाड़ कर रहे हैं, ताकि उनकी फसल बच पाए। ग्रामीण खेतों की घेराबंदी कर रहे हैं, लेकिन नील गाय वहा लगी गेहूं, मटर की फसल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। किसानों ने बताया कि रात के अंधरे में किसान अगर उन्हें खदेड़ने का प्रयास करते हैं, तो वे उनपर हमला भी कर देती हैं। होन्हे के एक किसान बताते हैं कि अब वे खेत में अपनी फसल की रक्षा के लिए कई खेत में पालतू कुत्ते बाध कर छोड़ दे रहे हैं। कुत्ते के खेत मे बंधने से जब वहा नील गाय का आगमन होता है, तो वहा बंधे कुत्ते शोर करते हैं। इससे थोड़ा बहुत फायदा हुआ, लेकिन अब यह तकनीक भी फेल होते नजर आ रही है। ग्राम वन रक्षा समिति के अध्यक्ष लालदेव महतो का कहना है कि अगर वन विभाग के लोग इसको लेकर शीघ्र सजग नहीं हुए तो यहा खेतों में लगी फसल बर्बाद हो जाएगी। इधर, वन विभाग के लोगों ने बताया कि वे नीलगा यों को खदेड़ने के प्रयास में लगे हुए हैं। नील गायों को भगाने को लेकर कई गाव में किसानों को टार्च व पटाखा उपलब्ध कराया गया है।