झारखंड में उग्रवादी के दो करोड़ के वाहन जब्‍त, टेरर फंडिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने की कार्रवाई

Terror Funding Case Chatra Jharkhand News ईडी ने टीएसपीसी उग्रवादी बिंदेश्वर गंझू के दो करोड़ के वाहन जब्त किए हैं। चतरा के टंडवा स्थित मगध-आम्रपाली कोयला परियोजना में टेरर फंडिंग मामल में कार्रवाई की गई है। टंडवा थाना व एनआइए में दर्ज प्राथमिकी पर ईडी ने केस दर्ज किया था।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 08:02 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 08:10 PM (IST)
झारखंड में उग्रवादी के दो करोड़ के वाहन जब्‍त, टेरर फंडिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने की कार्रवाई
Terror Funding Case Chatra Jharkhand News मगध-आम्रपाली कोयला परियोजना में टेरर फंडिंग मामल में कार्रवाई की गई है।

रांची, राज्य ब्यूरो। Terror Funding Case, Chatra Jharkhand News प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को उग्रवादी संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के उग्रवादी बिंदेश्वर गंझू उर्फ विनोद कुमार गंझू उर्फ बिंदू गंझू और उसकी कंपनी मां गंगा कोल ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड संबद्ध 2.03 करोड़ रुपये मूल्य के वाहनों को जब्त कर लिया है। ईडी ने मनी लाउंड्रिंग एक्ट में दर्ज एक केस में जब्ती की कार्रवाई की है। पूरा मामला टेरर फंडिंग से संबंधित है।

ईडी के अनुसार उग्रवादी बिंदेश्वर गंझू ने चतरा के टंडवा स्थित मगध व आम्रपाली कोयला परियोजना से जुड़े ठेकेदार, कोयला व्यवसायी, कोल ट्रांसपोटर्स से लेवी-रंगदारी वसूलकर अकूत संपत्ति अर्जित की है। ईडी ने टंडवा थाने में 11 जनवरी 2016 को दर्ज प्राथमिकी व आरोप पत्र तथा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लाउंड्रिंग एक्ट में केस दर्ज किया था। इस मामले में एनआइए पूर्व में दो आरोप पत्र दाखिल कर चुका है।

जांच के दौरान इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि बिंदेश्वर गंझू ने लेवी वसूलकर टीएसपीसी के अन्य साथियों में भी रुपये बांटे थे। ईडी की छानबीन में बिंदेश्वर गंझू व उसकी कंपनी से संबंधित करीब 2.89 करोड़ की संपत्ति का पता चला। इसके बाद संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू की गई। ईडी ने पूर्व में टीएसपीसी उग्रवादी विनोद कुमार गंझू, प्रदीप राम व उनसे संबद्ध दो कंपनियों से संबंधित संपत्ति 19 सितंबर 2019 को जब्त की थी। इस जब्ती पर ईडी की एडजुडिकेटिंग ऑथोरिटी (सहायक प्राधिकार) ने चार मार्च 2020 को मुहर लगा दी थी। मनी लाउंड्रिंग के इस मामले का अनुसंधान अभी जारी है।

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