जेल के कैदियों और स्टाफ को भटकने की जरूरत नहीं, परिसर में ही बन रहा अस्थाई कोविड-19 अस्पताल

रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा सहित राज्य के सभी जेलों के कर्मियों पदाधिकारियों और बंद कैदियों के लिए अच्छी खबर है। जेल के कर्मी पदाधिकारी या कैदी अगर कोरोना संक्रमित होते हैं तो उन्हें भटकने के लिए मजबूर होना नहीं पड़ेगा।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 12:05 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 12:05 PM (IST)
जेल के कैदियों और स्टाफ को भटकने की जरूरत नहीं, परिसर में ही बन रहा अस्थाई कोविड-19 अस्पताल
जेल के कैदियों और स्टाफ को भटकने की जरूरत नहीं। जागरण

रांची [फहीम अख्तर] । रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा सहित राज्य के सभी जेलों के कर्मियों पदाधिकारियों और बंद कैदियों के लिए अच्छी खबर है। जेल के कर्मी पदाधिकारी या कैदी अगर कोरोना संक्रमित होते हैं, तो उन्हें भटकने के लिए मजबूर होना नहीं पड़ेगा। जेल प्रशासन अब जेल में ही अस्थाई कोविड-19 अस्पताल तैयार कर रहा है।

इसके लिए जेल आईजी वीरेंद्र भूषण की ओर से सभी केंद्रीय कारा, मंडल कारा, उपकारा, ओपन जेल, महिला प्रोबेशन होम और कारा प्रशिक्षण संस्थान के अधीक्षकों को आदेश दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय भारत सरकार के आदेश के बाद जेल आईजी की ओर से सभी जेल अधीक्षकों को जेल में ही कोरोना संक्रमित होने वालों के लिए बचाव की पूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।

इस आदेश के साथ ही रांची जेल प्रशासन ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा अधीक्षक हामिद अख्तर के अनुसार जेल के भीतर अस्थाई कोविड-19 अस्पताल बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है। पर्याप्त मात्रा में बेड, ऑक्सीजन सहित कोरोना रक्षक सामग्रियों की व्यवस्था की जा चुकी है। इसके अलावा जेल परिसर स्थित अस्पताल में भी आइसोलेशन सेंटर भी तैयार कर लिया गया है। जहां हाल में संक्रमित निकले मरीजों (स्टाफ और कैदियों) का इलाज भी शुरू कर दिया गया है।

जेल में कार्यरत कर्मियों की सुरक्षा पर फोकस

जेल आईजी के आदेश में जेल में कार्यरत कर्मियों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। कहा गया है कि वर्तमान में कोविड-19 का संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ गया है। जेलों में कार्यरत पदाधिकारी और कर्मियों की संख्या भी ज्यादा रहती है। जिन्हें सुरक्षित रहना अति आवश्यक है। क्योंकि उनके द्वारा कारा के अंदर बंदियों के बीच ड्यूटी किया जाता है। किसी एक कर्मी के कोरोना संक्रमित हो जाने से सारा जेल इसकी चपेट में आ सकता है।

इसी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि कारा परिसर में किसी सामुदायिक भवन को स्थाई कोविड-19 अस्पताल बनाया जाए। जहां सामुदायिक भवन नहीं हैं, वहां किसी खाली आवास को स्वास्थ्य केंद्र बनाया जा सकता है। इस स्वास्थ्य केंद्र में कारा के चिकित्सक, प्रतिनियुक्त चिकित्सक, पारा मेडिकल स्टाफ द्वारा चिकित्सकीय कार्य किया जाएगा। यह अस्थाई कोविड-19 अस्पतालों में उपचार हेतु पर्याप्त मात्रा में बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, कोविड-19 से संबंधित दवाएं और  कोरोना  रक्षक अन्य सामग्रियों की व्यवस्था की जाए।

जेलों में इन बातों का रखा जाएगा विशेष ध्यान

-कोरोना संक्रमन से बचाव के लिए सभी गाइडलाइंस का अनुपालन करना, नियमित तौर पर मास्क पहनना, शारीरिक दूरी का पालन और इसके लिए नियमित तौर पर कैदियों और स्टाफ को जागरूक करना।

- संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर आइसोलेट करना, स्वास्थ्य का ट्रैक रिकॉर्ड रखना और नियमित तौर पर टेस्ट करवाना।

- जेल में संक्रमण से बचाव के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन करना। जिनके जिम्मे जेल में कैदियों और स्टाफ की स्क्रीनिंग, उनका तापमान और लक्षण की समीक्षा करेंगे।

- 60 वर्ष के ऊपर के कैदियों का नियमित तौर पर बुखार का लेवल ऑक्सीजन लेवल और स्क्रीनिंग करना।

- जेल में एक साथ लोगों की भीड़ जमा नहीं होने देना।

- नियमित सैनिटाइजेशन वैक्सीनेशन।

- कैदियों को उनके परिजनों से ई मुलाकात और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही संपर्क करवाना, किसी भी हाल में शारीरिक तौर पर मुलाकात नहीं करवाना।

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