Jharkhand: शिक्षक रोस्टर के अनुसार आएंगे स्कूल, निपटाएंगे कई काम

सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब रोस्टर के अनुसार स्कूल आना होगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को इसके लिए निर्देश देने को कहा है। वे बुधवार को पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर रहे थे।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 12:36 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 12:36 PM (IST)
Jharkhand: शिक्षक रोस्टर के अनुसार आएंगे स्कूल, निपटाएंगे कई काम
झारखंड में शिक्षक रोस्टर के अनुसार आएंगे स्कूल, निपटाएंगे कई काम। जागरण

रांची, राज्य ब्यूरो । सभी सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को अब रोस्टर के अनुसार स्कूल आना होगा। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को इसके लिए निर्देश देने को कहा है। वे बुधवार को पदाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर रहे थे।

शिक्षा सचिव नेे कहा कि शिक्षक स्कूल आकर यू डायस प्लस में अपने स्कूल से संबंधित डाटा अपडेट करेंगे। उन्होंने किताब वितरण का भी डाटा ई विद्यावाहिनी पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए। जिन बच्चों को किताबें नहीं मिल पाई हैं उन्हें अविलंब उनके घर जाकर उपलब्ध कराने को कहा। सचिव ने दो जून को हुई बैठक में दिए गए निर्देश के अनुपालन की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मिड डे मील तथा समग्र शिक्षा अभियान के बैंक खाते को हर हाल में जीरो बैलेंस कर राशि 20 जून तक क्रमश: झारखंड मध्याह्न भोजन प्राधिकरण तथा झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के बैंक खाते में जमा किए जाएं। जो जिला पदाधिकारी अभी तक लंबित उपयोगिता प्रमाणपत्र नहीं दे सके हैं, उन्हें अविलंब इसे जमा करने को कहा गया।

सचिव ने कहा कि इसकी शीघ्र विस्तृत समीक्षा की जाएगी तथा इसमें किसी प्रकार की लापरवाही या गड़बड़ी पाए जाने पर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि विभिन्न जिलों में 516 करोड़ रुपये के उपयोगिता प्रमाणपत्र लंबित हैं। बैठक में कोर्ट से संबंधित लंबित मामलों की भी समीक्षा की गई तथा उन्हें शीघ्र निष्पादन करने को कहा गया। सचिव ने बच्चों के अगली कक्षाओं में प्रोन्नति तथा नए नामांकन के बाद उन सभी का डाटा ई-विद्यावाहिनी व डिजी साथ में अपलोड करने तथा उन्हें ऑनलाइन शिक्षा से जोड़ने के निर्देश दिए। बैठक में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के निदेशक डा. शैलेश कुमार चौरसिया व अन्य पदाधिकारी भी ऑनलाइन जुड़े थे।

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