TAC in Jharkhand: टीएसी की बैठक 27 को, विस्थापन आयोग व जनजातीय विश्वविद्यालय पर हो सकती चर्चा
TAC in Jharkhand Hindi News टीएसी की बैठक के लिए कुल 11 एजेंडे तय हैं। आदिवासियों को जाति प्रमाणपत्र बनाने में आ रही समस्याओं पर भी निर्णय होगा। स्कूलों में जनजातीय भाषाओं के शिक्षकों के पद सृजन का प्रस्ताव भेजने पर भी चर्चा संभावित है।
रांची, राज्य ब्यूरो। नई नियमावली के तहत गठित जनजातीय परामर्शदातृ समिति (टीएसी) की 27 सितंबर को होने वाली दूसरी बैठक में राज्य में विस्थापन आयोग के गठन व जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना पर चर्चा हो सकती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक के लिए कुल 11 एजेंडे तय किए गए हैं, जिनमें ये दोनों मुद्दे भी शामिल हैं। टीएसी की बैठक में राज्य में आदिवासियों के जाति प्रमाणपत्र बनने में आने वाली समस्याओं के समाधान का भी रास्ता ढूंढ़ा जाएगा।
बनने वाले जाति प्रमाणपत्र को जीवन भर के लिए मान्य किए जाने पर निर्णय लिया जा सकता है। आदिवासियों को बैंकों से ऋण लेने में हो रही परेशानियों को दूर करने पर भी बैठक में चर्चा होगी। इसके साथ ही जनजातीय भाषाओं के संरक्षण तथा कक्षा एक से 12 तक जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए शिक्षकों के पद सृजन का प्रस्ताव भी स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को भेजने पर निर्णय लिया जा सकता है।
झारखंड के शहीदों एवं आंदोलनकारियों की जीवनी को सिलेबस में शामिल करने का प्रस्ताव स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को भेजे जाने पर मंथन होगा। इसके अलावा इस बैठक में आदिवासियों की भूमि के अवैध हस्तांतरण पर रोक लगाने पर भी मंथन किया जाएगा। इस बैठक में टीएसी के सचिवालय की स्थापना पर भी आवश्यक निर्णय लिए जा सकते हैं।
राज्यपाल ने लौटा दी थी फाइल
टीएससी की नई नियमावली से संबंधित फाइल राज्यपाल रमेश बैस द्वारा बिना कोई टिप्पणी किए लौटाए जाने के बाद कल्याण विभाग ने दूसरी बैठक बुलाई है। नई नियमावली में टीएसी के गठन में राज्यपाल की भूमिका खत्म किए जाने के बाद तत्कालीन राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने संबंधित फाइल तलब की थी। हालांकि फाइल मिलने के तुरंत बाद नए राज्यपाल की नियुक्ति होने से वे उस पर कोई निर्णय नहीं ले सकी थीं।