झारखंड में जज की हत्या का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, मुख्य सचिव और DGP से 7 दिनों में मांगी जांच की स्टेटस रिपोर्ट

धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी को एक सप्ताह में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है।

By Vikram GiriEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 12:31 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 12:31 PM (IST)
झारखंड में जज की हत्या का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, मुख्य सचिव और DGP से 7 दिनों में मांगी जांच की स्टेटस रिपोर्ट
झारखंड में जज की हत्या का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान। जागरण

रांची, जासं। झारखंड के धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी को एक सप्ताह में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। हालांकि शीर्ष कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि झारखंड हाई कोर्ट में चल रहे इस मामले में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा। बता दें कि बीते दिनों धनबाद में मार्निंग वॉक पर निकले धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को पीछे से आ रहे ऑटो ने जानबूझकर धक्का मार दिया। जिसमें उनकी मौत हो गई।

इस घटना पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि पहले पुलिसकर्मी फिर अधिकवक्ता और अब जज पर हमला किया गया। झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति कोर्ट ने नाराजगी की। कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि नक्सल प्रभावित राज्य होने के बावजूद अब तक जज पर हमले नहीं हुए थे। इसके अलावा कोर्ट ने इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी कहा कि इस मामले की जांच करते हुए यह भी देखा जाय कि केवल ऑटो का ड्राइवर कटघरे में खड़ा ना हो। इस पूरे साजिश के पीछे काम करने वाले लोगों का चेहरा भी सामने आए। इन्हें सख्त से सख्त सजा मिले। पुलिस सभी साक्ष्य एकत्र करे। जिससे दोषियों को सजा दी जा सके।

पैतृक गांव में किया गया अंतिम संस्कार

जज उत्तम आनंद के पार्थिव शरीर का दाह संस्कार उनके पैतृक गांव हजारीबाग में किया गया। घटना पर पूरा गांव

बेहद दुखी है। परिवार का हाल-बेहाल है। स्थानीय लोगों ने घटना पर आक्रोश जताया। कहा कि खुले रूप से व्यवस्था को दी गई चुनौती है। राज्य में कानून व्यवस्था में सुधार की जरूरत है। अगर जज सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोगों की सुरक्षा का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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