Jharkhand crime: भेल के इंजीनियर व कर्मियों के साथ मारपीट, आंदोलनकारियों का अध्यक्ष गिरफ्तार

Jharkhand crime एनटीपीसी की उत्तरी कर्णपुरा मेगा विद्युत ताप परियोजना में रैयतों के साथ उत्पन्न विवाद का समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। आंदोलनकारियों ने अभियंताओं और कर्मियों के साथ मारपीट कर दी। अभियंता और कर्मी प्लांट में चल रहे कार्यों का निरीक्षण के लिए हजारीबाग से आए थे।

By Kanchan SinghEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 10:26 AM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 10:26 AM (IST)
Jharkhand crime: भेल के इंजीनियर व कर्मियों के साथ मारपीट, आंदोलनकारियों का अध्यक्ष गिरफ्तार
रैयत आंदोलनकारियों ने अभियंताओं और कर्मियों के साथ मारपीट की।

टंडवा (चतरा) : एनटीपीसी की उत्तरी कर्णपुरा मेगा विद्युत ताप परियोजना में रैयतों के साथ उत्पन्न विवाद का समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा है। यह मामला लगातार और उलझता जा रहा है। बुधवार को आंदोलनकारियों ने अभियंताओं और कर्मियों के साथ अनावश्यक रूप से मारपीट कर दी। अभियंता और कर्मी प्लांट में चल रहे कार्यों का निरीक्षण के लिए हजारीबाग से आए थे। परियोजना के मुख्य द्वार के समीप धरना और आमरण अनशन पर बैठे रैयतों ने उन्हें भीतर जाने से रोक दिया।

अभियंता दल के सदस्यों ने रैयतों को समझाने का हर संभव प्रयास किया। लेकिन वे जिद पर अड़े रहे। इस बीच दोनों ओर से तू, तू-मैं, में होने लगा। फिर क्या था। भेल कंपनी के इंजिनियरों व कर्मियों पर विस्थापित विकास संघर्ष समिति के संचालक तिलेश्वर साहू व उसके गुर्गों ने हमला कर दिया। टीम के सदस्य किसी तरह से जान बचाकर वहां से भागे। इंजीनियर्स व कर्मी सीधे टंडवा थाना पहुंचे और पूरी घटना की जानकारी दी। अभियंताओ की लिखित शिकायत पर तिलेश्वर समेत अन्य के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रात ग्यारह बजे तिलेश्वर साहू को गिरफ्तार कर लिया है।

तिलेश्वर की गिरफ्तारी के बाद आंदोलनकारी आक्रोशित हैं। गुरुवार की सुबह सात बजे से प्लांट के मुख्य द्वार पर एकत्रित होकर एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि तीन सूत्री मांगों को लेकर एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ विस्थापित रैयत आंदोलित हैं। तीन सूत्री मांगों में एक मुआवजा वृद्धि भी है। प्रबंधन ने मुआवजा वृद्धि से इन्कार कर दिया है। रैयत अपनी मांगों को मनवाने के लिए दस महीनों से धरना पर बैठे हुए हैं और पिछले 15 नवंबर से प्लांट का निर्माण कार्य को पूरी तरह से ठप कर दिया है। जिसके कारण एनटीपीसी प्रबंधन को प्रतिदिन पौने दो करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। काम में भी देरी हो रही है।

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