दिव्यांग युवाओं को बिना ब्याज ऋण देगी सरकार, कोष का होगा गठन
राज्य में दिव्यांग युवाओं को उच्च शिक्षा तथा स्वरोजगार के लिए ऋण की सुविधा मिलेगी। सबसे बड़ी बात यह कि इस ऋण पर लाभुकों को ब्याज नहीं देना होगा। इसके लिए दिव्यांगजन राजकोष का गठन होगा।
रांची : राज्य में दिव्यांग युवाओं को उच्च शिक्षा तथा स्वरोजगार के लिए ऋण की सुविधा मिलेगी। सबसे बड़ी बात यह कि इस ऋण पर लाभुकों को ब्याज नहीं देना होगा। इसके लिए दिव्यांगजन राजकोष का गठन होगा। इससे संबंधित प्रस्ताव स्वीकृति के लिए कैबिनेट को भेजा जा रहा है। शुरुआत में इस कोष के लिए राज्य सरकार दो करोड़ रुपये उपलब्ध कराएगी। बाद में औद्योगिक इकाइयों से सहयोग लेकर कोष में वृद्धि की जाएगी। जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार अगले वित्तीय वर्षों में भी इस कोष में राशि जमा करेगी।
प्रस्ताव के अनुसार इस योजना के क्रियान्वयन के लिए शासी परिषद का गठन किया जाएगा। लाभुकों का चयन और ऋण की राशि का निर्धारण उपायुक्तों की अनुशंसा पर इस शासी परिषद द्वारा किया जाएगा। बता दें कि राज्य सरकार ने दिव्यांगजन नीति लागू की है, जिसमें भी दिव्यांग युवाओं के लिए रोजगार एवं आर्थिक विकास के दायरे को बढ़ाने पर जोर दिया गया है। राज्य निश्शक्तता आयुक्त सतीश चंद्रा के अनुसार दिव्यांग जनों के लिए राजकोष के गठन होने तथा उच्च शिक्षा व रोजगार के लिए ऋण मिलने से उनके आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त होगा। इनमें क्षमता अधिक होती है लेकिन कई बार पैसे के अभाव में वे आगे नहीं बढ़ पाते।
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राज्य में लगभग नौ लाख हैं दिव्यांग
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में लगभग नौ लाख दिव्यांग हैं, जो कुल आबादी के 2.87 फीसद हैं। इनके कल्याण के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन योजना, स्वामी विवेकानंद निश्शक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना आदि संचालित हैं। वहीं राज्य में झारखंड राज्य आदिवासी सहकारी विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से अनुसूचित जनजाति तथा ओबीसी के अलावा दिव्यांगों के लिए भी लघु व्यापार, स्वरोजगार, कुटीर उद्योग, व्यावसायिक वाहन आदि के लिए सावधिक ऋण उपलब्ध कराए जाते हैं।
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