मानव तस्करी से मुक्त कराई गईं बेटियों के सपनों को पंख दे रही हेमंत सरकार

राज्य सरकार मानव तस्करी से मुक्त कराई गईं ऐसी ही बेटियों के सपनों को पंख दे रही है। वर्तमान में रेस्क्यू की गई बालिग बेटियों को झारखंड में ही रोजगार उपलब्ध कराने की पहल हुई। साथ ही नाबालिग बच्चियों को बालिग होने तक प्रति माह दो हजार रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश संबंधित जिले के उपायुक्तों को दिया गया।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 07:16 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 07:16 PM (IST)
मानव तस्करी से मुक्त कराई गईं बेटियों के सपनों को पंख दे रही हेमंत सरकार
मानव तस्करी से मुक्त कराई गईं बेटियों के सपनों को पंख दे रही हेमंत सरकार

रांची : बारह साल की सिगरी माल्टो (बदला हुआ नाम) पुलिस अधिकारी बनाना चाहती है। साहिबगंज निवासी सिगरी कहती है, जो उसके साथ हुआ, वह किसी अन्य के साथ न हो। उसने जो यातना और मानसिक पीड़ा झेली है, कोई और न झेले। सिगरी मानव तस्करी की शिकार वही बच्ची है, जिसे राज्य सरकार ने पांच माह पहले दिल्ली से एयरलिफ्ट कर रांची लाया था। यहां उसकी ब्रेन मैपिग हुई। सरकार उसके भविष्य की योजनाओं से अवगत हुई और सिगरी के भविष्य को गढ़ने में जुट गई। सिगरी जैसी 44 अन्य बेटियां भी हैं। सभी की अपने भविष्य को लेकर अपनी योजनाएं हैं, जिस पर राज्य सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। राज्य सरकार मानव तस्करी से मुक्त कराई गईं ऐसी ही बेटियों के सपनों को पंख दे रही है।

वर्तमान में रेस्क्यू की गई बालिग बेटियों को झारखंड में ही रोजगार उपलब्ध कराने की पहल हुई। साथ ही, नाबालिग बच्चियों को बालिग होने तक प्रति माह दो हजार रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश संबंधित जिले के उपायुक्तों को दिया गया। इसी तरह ही, तमिलनाडु के कोयम्बटूर में जबरन 16 घंटे कार्य करने को विवश 24 युवतियों को एयरलिफ्ट कर रांची लाकर नौकरी दी गई। यही नहीं, राज्य सरकार ने हुनरमंद 111 नर्सों को देश के प्रतिष्ठित अस्पतालों में नियोजित कर उनके आर्थिक स्वावलंबन का मार्ग भी प्रशस्त किया।

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महिला उत्पीड़न की सुनवाई के लिए राज्य में 22 फास्ट ट्रैक कोर्ट :

दुष्कर्म व पोक्सो एक्ट के अंतर्गत लंबित वादों की त्वरित सुनवाई एवं निष्पादन के लिए झारखंड में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश स्तर के 22 फास्ट ट्रैक विशेष न्यायालयों के गठन के प्रस्ताव को स्वीकृत किया गया है। विधि विभाग ने पोक्सो एक्ट के तहत राज्य के मेदिनीनगर (पलामू), धनबाद, जमशेदपुर, गढ़वा, गोड्डा, रांची और देवघर जिले में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश, अपर न्यायायुक्त, अपर लोक अभियोजक को नामित किया है। इसकी प्रशासनिक स्थापना के सुचारू संचालन के लिए प्रत्येक न्यायालय में वर्ग-तीन एवं वर्ग-चार के सात-सात तथा कुल 154 अराजपत्रित पदों के सृजन पर घटनोत्तर स्वीकृति दी गई है।

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ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट का गठन जल्द :

लातेहार, साहिबगंज, गोड्डा और गिरिडीह में एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट (एएचटीयू) का गठन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इन चार जिलों में एएचटीयू के गठन संबंधी प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इन अधिसूचित थानों का कार्यक्षेत्र संबंधित जिले का संपूर्ण कार्यक्षेत्र होगा तथा इसमें एएचटीयू जिले के अन्य थाना क्षेत्र में अवैध मानव व्यापार से संबंधित मामले भी पंजीकृत करने के साथ अनुसंधान भी किए जाएंगे। इन इकाइयों द्वारा अवैध मानव व्यापार की रोकथाम, रक्षा एवं अभियोजन के संधारण तथा अपराध एवं अपराधियों/ गिरोहों से संबंधित पूरा ब्योरा तैयार कर रखा जाएगा। वर्तमान में आठ एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिग यूनिट झारखंड में संचालित है।

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