इस बार राखी में 474 साल बाद बन रहा है विशेष संयोग, जानें राखी बांधने का शुभ समय

रक्षाबंधन में अब केवल दो दिन शेष रह गए हैं। आगामी 22 अगस्‍त को भाई बहन के प्रेम का त्‍योहार मनाया जाएगा। पवित्र प्रेम के इस पर्व की तैयारी तेजी से चल रही है। घरों से लेकर बाजार तक इसका असर दिख रहा है।

By Brajesh MishraEdited By: Publish:Fri, 20 Aug 2021 11:46 AM (IST) Updated:Fri, 20 Aug 2021 11:46 AM (IST)
इस बार राखी में 474 साल बाद बन रहा है विशेष संयोग, जानें राखी बांधने का शुभ समय
रक्षाबंधन में अब केवल दो दिन शेष रह गए हैं।

रांची,जासं। रक्षाबंधन में अब केवल दो दिन शेष रह गए हैं। आगामी 22 अगस्‍त को भाई बहन के प्रेम का त्‍योहार मनाया जाएगा। पवित्र प्रेम के इस पर्व की तैयारी तेजी से चल रही है। घरों से लेकर बाजार तक इसका असर दिख रहा है। कोरोना संक्रमण में कमी होने के कारण लोग खुलकर बाजार में खरीदारी कर रहे हैं। बहनें जहां राखी की खरीदारी कर रही हैं। वहीं भाई बहनों को गिफ्ट देने के लिए खरीदारी करने में पीछे नहीं हैं। बाजार में स्टोन वर्क, सोने-चांदी की राखी से लेकर कोरोना वैक्सीन तक के डिजाइन की राखी उपलब्ध है। वहीं ज्योतिष की नजर में भी इस वर्ष का रक्षाबंधन बेहद खास है। ज्योतिषाचार्य पं अजित कुमार मिश्रा बताते हैं कि लगभग 474 वर्ष के बाद इस बार रक्षाबंधन पर ग्रहों का विशेष संयोग बन रहा है। रक्षा बंधन का त्योहार श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है। लेकिन इस बार सावन पूर्णिमा पर धनिष्ठा नक्षत्र के साथ मनाया जाएगा। शोभन योग भी इस त्योहार को खास बना रहा है। इसके साथ ही रवि पूष्य योग भी बन रहा है। रक्षाबंधन के लिए शुभ मुहूर्त 06 बजकर 15 मिनट सुबह से शाम 05 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।

पं अजित मिश्रा बताते हैं कि इस बार राखी गजकेसरी योग में मनाया जा रहा है। ये एक प्रकार का राजयोग है। ऐसे में बहनों के राखी बांधने भाइयों को यश और कीर्ति की प्राप्ति होगी। राखी पर भद्रा का साया नहीं है। ऐसे में राखी बांधने के लिए पूरे दिन का समय मिलेगा। इस दौरान कुंभ राशि में गुरू की चाल वक्री रहेगी। इसी भाव में वहां चंद्रमा भी मौजूद रहेगा। गुरू चंद्रमा की इसी युक्ति से गज केसरी योग बन रहा है। गजकेसरी योग से इंसान की महत्वाकांक्षाएं पूरी होती है। धन, संपत्ति, मकान, वाहन, जैसे सुख की प्राप्ति होती है।

हालांकि इस राखी पर इस खास योग का लाभ कुछ लोगों को नहीं मिल पाएगा। पं अजित मिश्रा बताते हैं कि कुंडली में जब चंद्रमा और गुरु केंद्र में एक दूसरे की तरफ दृष्टि कर बैठे हों तो गज केसरी योग बनता है। ये लोगों को भाग्यशाली बनाता है। लेकिन अगर कुंडली में गुरू या चंद्रमा कमजोर स्थिति में हो तो इस योग का लाभ नहीं मिल पाएगा। ऐसे लोगों को राखी बंधवाने से पहले भगवान शिव की पूजा करके राखी बंधवाना चाहिए।

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