Ranchi news : कोरियन छात्रों को हिंदी सिखाएंगे सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के शिक्षक

क्षिण कोरिया के छात्रों को सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के शिक्षक हिंदी सिखाएंगे। पढ़ाई आनलाइन होगी। इसके लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड और हंकुक यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू हुआ है। प्रोग्राम कोआर्डनेटर प्रो. रत्नेश ने बताया कि 27 दिसंबर से 7 जनवरी तक कोरियन छात्र ये आनलाइन क्लास कर सकेंगे।

By Sanjay Kumar SinhaEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 02:17 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 02:17 PM (IST)
Ranchi news : कोरियन छात्रों को हिंदी सिखाएंगे सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के शिक्षक
राजधानी रांची के मनातू स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड

रांची(जासं ) : दक्षिण कोरिया के छात्रों को सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड के शिक्षक हिंदी सिखाएंगे। पढ़ाई आनलाइन होगी। इसके लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी झारखंड और हंकुक यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू हुआ है। प्रोग्राम कोआर्डनेटर प्रो. रत्नेश ने बताया कि 27 दिसंबर से 7 जनवरी तक कोरियन छात्र ये आनलाइन क्लास कर सकेंगे। सुदूरपूर्व भाषा विभाग के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर और कोरियाई लैंग्वेज के असिस्टेंट प्रोफेसर शशि कुमार मिश्रा ने बताया कि दशहरा के पहले ही कोरियन यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू हुआ है। पूरे देश में अभी तक दो ही यूनिवर्सिटी ने कोरिया यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू किया है। इनमें जेएनयू और सीयूजे है।

शशि कुमार मिश्रा ने बताया कि सीयूजे एवं हिंदी विभाग, हंकुक विश्‍वविद्यालय के बीच पिछले साल एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया गया था। इसका उद्देस्य दोनों संस्थानों के बीच शैक्षणिक और शैक्षिक सहयोग को विकसित करना था। तब भी उस एमओयू के अंतर्गत कोरियन छात्रों के लिए ऑनलाइन हिंदी की कक्षा शुरू करने की योजना बनी थी। अब इस योजना को मूर्त रूप दिया जा रहा है। पांच साल का एमओयू हुआ है। हंकुक यूनिवर्सिटी

ऑफ फॉरेन स्टडीज साउथ कोरिया की राजधानी सिओल में है। बताया कि पिछले साल कोरोना के कारण संभवन नहीं हो पाया, इसलिए यह अब होने जा रहा है।

जेएनयू में कोरियन भाषा पर किया था प्रशिक्षण कार्यक्रम : बता दें कि जवाहर लाल नेहरू विवि की ओर से कोरियन भाषा में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। 6 सिंतबर से ही इसकी शुरुआत की गई है। यह 25 फरवरी 2022 तक चलेगा। इसका आयोजन जेएनयू के सेंटर फोर कोरियन स्टडीज और कोरियन कल्चलरल सेंटर इंडिया के साथ किया गया था। इस ट्रेनिंग प्रोगाम का मकसद भारत-कोरिया के बीच राजनयिक संबंधों को बेहतर करना है। साथ ही दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक रूप से भी विचारों का आदान-प्रदान किया जा सके।

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