Jharkhand Police: रांची के सात थाना प्रभारियों का हुआ तबादला, श्याम किशोर महतो बने सदर थानेदार
Jharkhand Police एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने रांची के सात थाना प्रभारियों का तबादला कर दिया है। पुलिस केंद्र में प्रतीक्षारत श्याम किशोर महतो को सदर थाना प्रभारी बनाया गया है। वहीं सदर थानेदार वेंकटेश कुमार का स्थानांतरण करते हुए चुटिया थाना का प्रभारी बनाया गया है।
रांची, जासं। एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा ने गुरुवार की रात शहर के सात थाना प्रभारियों का तबादला कर दिया है। पुलिस केंद्र में प्रतीक्षारत श्याम किशोर महतो को सदर थाना प्रभारी बनाया गया है। वहीं सदर थानेदार वेंकटेश कुमार का स्थानांतरण करते हुए चुटिया थाना का प्रभारी बनाया गया है। राजीव कुमार को धुर्वा थाना से स्थानांतरण करते हुए लालपुर का थानेदार बनाया गया है जबकि लालपुर थानेदार अरविंद कुमार सिंह को स्थानांतरित करते हुए डेली मार्केट का थाना प्रभारी बनाया गया है। सीएम के काफिले पर हुए हमले के प्रयास के बाद लाइन हाजिर किए गए सुखदेव नगर के तत्कालीन थानेदार सुनील कुमार तिवारी को नामकुम थाना प्रभारी बनाया गया है। सभी थाना प्रभारी को नवनियुक्त स्थान पर अविलंब योगदान देने का आदेश दिया गया है।
कौन कहां का बने थानेदार
वेंकटेश कुमार - चुटिया थाना प्रभारी
श्याम किशोर महतो - सदर थाना प्रभारी
राजीव कुमार - लालपुर थाना प्रभारी
प्रवीण कुमार - धुर्वा थाना
सुनील कुमार तिवारी - नामकुम थाना प्रभारी
अरविंद कुमार सिंह - डेली मार्केट थाना प्रभारी
नीतीश कुमार - सोनाहातु सर्किल इंस्पेक्टर
महेंद्र कुमार करमाली - टाटीसिलवे थाना प्रभारी
रवि ठाकुर - पुलिस लाइन
राजेश कुमार सिन्हा - सिविल कोर्ट
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वेतन कटौती के खिलाफ हाई कोर्ट जाएगा पुलिस मेंस एसोसिएशन
इंडियन रिजर्व बटालियन (आइआरबी) एक जामताड़ा व अन्य जिला, वाहिनी व इकाइयों में वर्ष 2008 में बहाल सातवीं पास सिपाहियों की पांच वर्षों में दी गई वेतनवृद्धि की कटौती के विरुद्ध झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करेगा। इससे संबंधित खर्च का वहन एसोसिएशन के आइआरबी-1 जामताड़ा के कोष से होगा। एसोसिएशन के अनुसार वर्ष 2008 में नियुक्त सातवीं पास सिपाहियों को पांच वर्षों तक वेतनवृद्धि का लाभ मिला। इसके बाद विभाग ने एक पत्र जारी किया कि ङ्क्षहदी परीक्षा पास करने के बाद ही वेतन वृद्धि का लाभ देय होगा और पूर्व में दिए गए वेतन वृद्धि की कटौती होगी। पांच वर्षों की वेतन वृद्धि कटौती संबंधित आदेश के बाद सिपाहियों पर संभावित आर्थिक बोझ को देखते हुए ही एसोसिएशन हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहा है।