सिमोन उराव का मिशन जंगल को बचाना है हरियाली लौटना है

रांची साई मंदिर रोड के समीप रहने वाले पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सिमोन उराव जल जंगल व पया

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Jun 2020 02:10 AM (IST) Updated:Fri, 05 Jun 2020 06:22 AM (IST)
सिमोन उराव का मिशन जंगल को बचाना है हरियाली लौटना है
सिमोन उराव का मिशन जंगल को बचाना है हरियाली लौटना है

रांची : साई मंदिर रोड के समीप रहने वाले पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित सिमोन उराव जल, जंगल व पर्यावरण बचाने के लिए बहुत ही प्रसिद्ध व्यक्ति हैं। उन्होंने वर्षा जल संचयन और भूजल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए कई अविस्मरणीय कार्य किए हैं। साथ ही पारंपरिक पड़हा व्यवस्था द्वारा इन्होंने समाज सेवा के कई कार्य किए है। इन्होंने अपना सारा जीवन प्रकृति और मानव कल्याण के लिए समर्पित कर दिया है।

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जाने जाते है जलपुरुष के नाम से

आज लोग उन्हें जल संरक्षक और जल पुरुष के नाम से जाने जाते हैं। जो पिछले सात दशक से अपने अदम्य साहस, दृढ़ संकल्प के द्वारा प्राकृतिक संसाधनों व जल को बचाकर जामटोली व खक्सी टोली की बंजर भूमि को खेती करने योग्य बनाया। इन्होंने अपने पारंपरिक तरीकों से जल प्रबंधन और वन संरक्षण को नया आयाम दिया। सिंचाई के अभाव में जहा खेती करनी मुश्किल थी वहा आज लोग 3 से 4 फसल उपजा रहे हैं। 88 वर्षीय सिमोन उराव को पूरे क्षेत्र में पड़हा राजा व जल बाबा के नाम से जाना जाता है। सिमोन उराव का मिशन आज भी वही है जंगल को बचाना है हरियाली लौटना है। अपनी कड़ी मेहनत व् लगन से जामटोली गाव में हरितक्रांति ला दी है।

सिमोन बाबा कहते हैं कहा कि शुद्ध हवा पानी व पर्यावरण संरक्षण के लिए अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उसे बचाएं। जंगल रहेगा तभी धरती पर जीवन बचेगा। जल ही जीवन है। इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। हमें अपने कल को बचाना है तो जल को बचाना होगा। प्रकृति बचेगी तभी धरती बचेगी और हम बचेंगे।

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