पिछले 15 वर्षों में राज्य में गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन 40 गुना बढ़ा

उन्नत बीजों के प्रतिस्थापन ढांचागत सुविधाओं में वृद्धि तथा बीज ग्रामों की स्थापना के लिए कोशिश की गई।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 06:03 AM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 06:03 AM (IST)
पिछले 15 वर्षों में राज्य में गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन 40 गुना बढ़ा
पिछले 15 वर्षों में राज्य में गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन 40 गुना बढ़ा

जासं, रांची: उन्नत बीजों के प्रतिस्थापन ढांचागत सुविधाओं में वृद्धि तथा बीज ग्रामों की स्थापना के लिए राज्य सरकार और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा किए गए संयुक्त प्रयासों के फलस्वरूप पिछले 15 वर्षों में झारखंड में गुणवत्तायुक्त बीजों उत्पादन में 40 गुनी वृद्धि हुई है, जिसके फलस्वरूप राज्य खाद्यान्न उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर हो गया। वर्ष 2005 में राज्य में कुल बीज उत्पादन लगभग 1500 क्विटल था जो 550 बीज ग्रामों की स्थापना के साथ 2016-17 में बढ़कर एक लाख टन से अधिक हो गया। कोरोनाकाल के पूर्व तक यह ट्रेंड जारी रहा।

ये जानकारी बीएयू के बीज परिषद की 18वीं बैठक में प्रस्तुत रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। विश्वविद्यालय के बीज प्रक्षेत्र निदेशक डॉ ऋषि पाल सिंह ने कहा कि बीएयू द्वारा वर्ष 2021-22 में खरीफ एवं रबी मौसम के अंतर्गत धान्य, दलहनी एवं तिलहनी फसलों के विभिन्न श्रेणियों (प्रजनक, आधार, प्रमाणित बीज) के लगभग 10 हजार क्विटल गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। इसमें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से 5 सीड हब में पैदा किए जानेवाला दलहनी फसलों का 5000 क्विटल बीज शामिल है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अंतर्गत बीज ग्रामों में पैदा किए जाने वाला बीज अतिरिक्त होगा। राष्ट्रीय स्तर पर खाद्य उत्पादकता का आवश्यक 3 टन प्रति हेक्टेयर है जबकि झारखंड में मात्र 2 टन है। उन्नत बीजों का इस्तेमाल द्वारा इसे बढ़ाना होगा।

कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि राज्य में गन्ना और जैविक खेती का क्षेत्र लगातार बढ़ाना है इस वर्ष गौरिया करमा प्रक्षेत्र (हजारीबाग) में 50 एकड़ क्षेत्र में जैविक खेती का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सभी कृषि विज्ञान केंद्रों में क्रॉप कैफिटेरिया स्थापित करना है, जिसमें बायोफोर्टीफाइड क्रॉप भी प्रमुखता से रहेंगे। पन्द्रह अगस्त के बाद विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी उसके निरीक्षण के लिए कभी भी केवीके का दौरा कर सकते हैं।

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