स्कूल खाेलने पर अभिभावक बोले, बिना वैक्सीनेशन बच्चों को विद्यालय बुलाना ठीक नहीं
Jharkhand School News School Open News कहा गया कि स्कूल खोले जाने से पूर्व शिक्षक शिक्षकेतर कर्मचारियों व अन्य स्टाफ को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए ताकि अभिभावक व छात्र निश्चिंत रहें।
रांची, जासं। सोमवार 2 अगस्त से आइसीएमआर के गाइडलाइन के तहत और राज्य सरकार के आदेश के अनुसार झारखंड के स्कूल खूलने के लिए तैयार हो रहे हैं। कई स्कूलों ने अपने परिसर और क्लास रूम की साफ-सफाई शुरू की है। कई स्कूलों ने अपने पूरे परिसर को सैनिटाइज किया है। इसके साथ ही जगह-जगह शारीरिक दूरी और कोविड नियमों के पालन के लिए बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं।
वहीं झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि बिना वैक्सीनेशन कराए नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की अनुमति और 18 वर्ष से ऊपर के छात्रों को लेकर कोचिंग सेंटर खोलने का राज्य सरकार का आदेश अव्यावहारिक है। स्कूल खोले जाने से पूर्व शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारियों व अन्य स्टाफ को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगाना अनिवार्य किया जाना चाहिए, ताकि अभिभावक व छात्र निश्चिंत रहें।
लेकिन राज्य सरकार ने इस महत्वपूर्ण बिंदु को नजरअंदाज कर स्कूल खोलने का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल व कोचिंग सेंटर खोलने के निर्णय का वे विरोध नहीं कर रहे हैं। लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना के कहर से बचाव के लिए छात्रों व स्कूल स्टाफ को सर्वप्रथम स्कूल के अंदर ही वैक्सीनेशन कैंप के माध्यम से वैक्सीन लगाए जाने की भी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार को अविलंब एक आदेश जारी कर सभी स्कूलों में वैक्सीनेशन अनिवार्य किया जाना चाहिए, ताकि कोरोना के कारण भय का माहौल न रहे और छात्र सहित स्कूल के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी व अन्य स्टाफ भयमुक्त होकर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।
क्या कहते हैं अभिभावक
पिछली बार स्कूल खुलने के बाद कई बच्चे कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे। बच्चों की पढ़ाई की चिंता हमें भी है। मगर बिना वैक्सीन के स्कूल भेजना संभव नहीं है। -विकास कुमार सिन्हा, अभिभावक।
हाल के दिनों में कोरोना संक्रमण कम हुआ है। मगर तीसरी लहर के बारे में लगातार खबरें सुनने में आ रही हैं। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना अभी संभव नहीं लग रहा है। -रामदीन कुमार, अभिभावक।
राज्य सरकार को स्कूलों को खोलने के आदेश पर फिर से विचार करना चाहिए। बच्चों का स्कूल जाना जरूरी है। मगर अभी की स्थिति में बच्चों को स्कूल भेजने से मन घबरा रहा है। -अपूर्वा शर्मा, अभिभावक।
सरकार को अपना आदेश देने से पहले सोचना चाहिए। इससे बच्चों की जान पर बन आई है। ऑफलाइन शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है। मगर अभी स्थिति सही नहीं है। -सर्वजित सिंह, अभिभावक।